चौखट में फन फैलाए घंटो बैठा रहा कोबरा, डर के मारे रैक के ऊपर बैठे रहे घरवाले
कोरबा (कोरबा वाणी) -छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों सहित कोरबा में मौसम का मिज़ाज़ बिगड़ने से हुवे बारिश की वजह से एक बार फिर जमीन पर रेंगने वाले सांप दिखने लगे हैँ जिनका सामना इंसानों से अक्सर हो रहा है. ऐसा ही रविवार को कोरबा के दादरखुर्द के एक घर में हुआ जहाँ अचानक कोबरा घुस आया जो घर की चौखट के पास फन फैलाए खड़ा था जिसे देखते ही परिवार के लोग सहम गए और जान बचाने के लिए घर में सामान रखने के लिए बनाए रैक पर चढ़ गए. इसी रैक पर डरे-सहमे परिवार वालों ने घंटो बिताई. जब पड़ोसियों की मदद से स्नेक रेस्क्यू टीम को घटना की सुचना मिली तो मौका स्थल पर पहुंचकर कोबरा का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया. कोबरा के रेस्क्यू के बाद परिवार वालों ने राहत की सांस ली.
दरअसल सरस्वती यादव का परिवार कहीं बाहर से रोजी मजूरी के लिए कोरबा आए थे जो रविवार की सुबह ही दादरखुर्द में मकान किराए में लिए और परिवार सहित रहने लगे. पर उन्हें क्या मालूम था सुबह ही जिस घर को उन्होंने अपना आशियाना बनाया है वहां कोबरा आ जाएगा. लेकिन ऐसा हो गया जब शाम को मौसम में आये बदलाव की वजह से तेज आँधी और बिजली की चमक के साथ बारिश हुई, बारिश तो कुछ समय में शांत हो गयी लेकिन बारिश रुकने के कुछ देर बाद ही सरस्वती यादव द्वारा लिए गए किराए के मकान में जब वे लोग खाना बनाने की तैयारी कर रहे थे तब अचानक कोबरा सांप घूस आया और घर की चौखट पर फन फैलाए बैठ गया. जब उन लोगों की नज़र कोबरा पर पड़ी तो परिवार की जान अटक गई और डरे-सहमे पूरा परिवार भाग कर एक कमरे के एक किनारे बने रैक पर बैठ गए. इस दौरान कोबरा चौखट पर ही फन फैलाए बैठा रहा.
कोबरा के चौखट में ही बैठे रहने से परिवार घंटो बंधको की तरह रैक पर दुबके रहे.
जब पड़ोसियों को इस बात का पता चला तो उन्होंने इसकी जानकारी स्नेक रेस्क्यू टीम को दिया.
सुचना मिलने पर स्नेक रेस्क्यू टीम मौके पहुंचे जिनको देखकर डरी सहमी महिला फूट फूट कर रोने लगीं और बचा लेने की गुहार लगाने लगी.
डरे-सहमे लोगों को समझाने के बाद कोबरा का सुरक्षित रेस्क्यू कर उसे डिब्बे में बंद किया गया. थोड़ी देर बाद कोबरा को जंगल में छोड़ दिया गया।
कोबरा के रेस्क्यू के बाद घंटो दहशत में रहे परिवार वालों ने राहत भरी सास ली और स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख जितेंद्र सारथी का धन्यवाद ज्ञापित किया.
गौरतलब है की एक घण्टे के दहशत भरे पल की वजह से सरस्वती यादव और उसके परिवार के अन्य सदस्यों के दिमाग़ में इतना डर घर कर गया की सुबह किराए में लिए घर को कोबरा के रेस्क्यू के कुछ मिनटों बाद ही ख़ाली कर दिया गया और अन्य जगह चले गए।