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घर में घुसे कबर बिज्जू को रेस्क्यू कर रेप्टाइल केयर टीम ने पकड़ा, अनोखे जीव को देख परिवार के सदस्यों में कुछ देर के लिए मच गया हड़कप

कोरबा(कोरबा वाणी)-जिले के जंगलों में कई ऐसे वन्य प्राणियों का विचरण है जो दुर्लभ प्रजाति के हैं। ये कई बार भोजन-पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र में घुस आते हैं। एक ऐसे ही अनोखे जीव को कटघोरा इलाके के एक घर से रेप्टाइल केयर एंड रेस्क्यूअर सोसायटी ने पकड़ा है। टीम ने इसे दुर्लभ प्रजाति का कबर बिज्जू होना बताया। टीम ने इसे आबादी क्षेत्र से दूर जंगल में सुरक्षित छोड़ा।
वनों से कोरबा जिला घिरा हुआ है। यहां भालू, हिरण, हाथी, जंगली सुअर, लकड़बग्घे समेत कई दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणियों का विचरण है। गर्मी का मौसम आते ही एक बार फिर जंगली जानवरों में भूख और प्यास की कुलबुलाहट महसूस की जा सकती है। यही वजह है जो जंगल से निकलकर न केवल आबादी क्षेत्र के नजदीक आ रहे, लगातार मानव आबादी में घुसपैठ कर रहे हैं। जंगल में भोजन-पानी का पर्याप्त जुगत नहीं होने के चलते उन्हें आहार की तलाश में लोगों के बीच आने को मजबूर कर रहा है। कटघोरा इलाके के एक घर में रात करीब 11 बजे कबर बिज्जू घर में घुस गया। इस अनोखे जीव को देखकर परिवार के सदस्यों में कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया। लोगों की नजर पडऩे से कबर बिज्जू इधर-उधर भागने लगा। रेप्टाइल केयर टीम को इसकी सूचना दी गई। मौके पर पहुंचकर टीम ने रेस्क्यू कर पकड़ा। रेप्टाइल केयर एंड रेस्क्यूअर सोसायटी के अध्यक्ष व साइंस क्लब के ज्वाइंट सेक्रेटरी सर्प मित्र अविनाश यादव ने बताया कि कई तरह के विकास कार्य होने से जंगलों का दायरा सिमट रहा है। यही वजह है कि कई बार वन्य प्राणी आबादी क्षेत्र में घुस आते हैं। कटघोरा इलाके के घर से कबर बिज्जू को रेस्क्यू कर पकड़ा गया। अंग्रेजी में इसे सिवेट पॉम कैट व छत्तीसगढ़ी में लम पूछिया भी कहते हैं। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की राज्य संयुक्त सचिव निधि सिंह ने बताया कि पर्यावरण संतुलन बनी रहे इसके लिए सभी तरह के वन्य जीव व पौधे का अस्तित्व रहना अनिवार्य है। मानव जीवन के लिए भी यह जरूरी है कि हर प्रकार के जीव-जंतुओं का संरक्षण हो। यह हम सबका नैतिक कर्तव्य भी है।