कोरबा न्यूज़

किसान सभा ने भूविस्थापितों के लंबित रोजगार,बसावट की मांग को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन,17 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट घेराव और 17 नवंबर को खदान बंद की दी चेतावनी,तानसेन चौक से कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकालकर 20 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा

कोरबा(कोरबा वाणी)-छत्तीसगढ़ किसान सभा,भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने संयुक्त रूप से एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में भू विस्थापितों के लंबित रोजगार, बसावट एवं प्रभावित गांव की मूलभूत समस्याओं को लेकर तानसेन चौक से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया प्रदर्शन के बाद 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने संयुक्त कलेक्टर विजेंद्र सिंह पाटले के माध्यम से कलेक्टर के नाम 20 सूत्रीय मांग पत्र सौंपते हुये समस्याओं का समाधान की मांग की साथ ही भू विस्थापितों की समस्या का समाधान नहीं होने पर 17 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट घेराव और 17 नवंबर को कुसमुंडा और गेवरा खदान को महाबंद करने की चेतावनी भी दी है।

कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर जिला सचिव प्रशांत झा,जय कौशिक रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव,दामोदर श्याम,रघु,मोहन यादव,मोहन कौशिक उपस्थित थे।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि जिला प्रशासन की मदद से एसईसीएल के कुसमुंडा, गेवरा,कोरबा, दीपका क्षेत्र द्वारा पूर्व में कई गांवों का अधिग्रहण किया गया लेकिन आज भी हजारों भू विस्थापित रोजगार,बसावट, मुआवजा के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे है। भू विस्थापितों की समस्याओं के लिए जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन दोनों ही जिम्मेदार हैं। कुसमुंडा में जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर 328 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है लेकिन जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन भूविस्थापितों को गुमराह करने का काम कर रही है किसी भी पुनर्वास ग्राम में बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ बसाहट नहीं दी गई है और न ही यहां के लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इन समस्याओं की ओर कई बार प्रशासन और प्रबंधन का ध्यान आकर्षित किया गया है, लेकिन भू विस्थापितों की इन समस्याओं के निराकरण के प्रति किसी ने भी गंभीरता से काम नहीं किया।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर,जय कौशिक ने कहा कि ज्ञापन में प्रभावित गांवों में मूलभूत सुविधाएं देने तथा सभी प्रभावित छोटे-बड़े खातेदारों को स्थाई नौकरी देने,आंशिक अधिग्रहण पर रोक लगाने के साथ 20 सूत्रीय मांगपत्र कलेक्टर महोदय के नाम सोंपा गया है। पुनर्वास गांव गंगानगर में तोड़े गये मकानों और शौचालयों का क्षतिपूर्ति मुआवजा तत्काल दिये जाने की भी मांग की है।
किसान सभा नेता ने चेतावनी दी है कि यदि भूविस्थापितों किसानों के पुनर्वास और रोजगार के सवाल पर प्रशासन सकारात्मक पहलकदमी नहीं करती, तो 17 अक्टूबर को कलेक्टर कार्यालय का घेराव और 17 नवंबर को कुसमुंडा और गेवरा खदान में महाबंद आंदोलन किया जाएगा। इसी के साथ कुसमुंडा कार्यालय में भूख हड़ताल के साथ लगातार आंदोलन तेज किया जाएगा।

भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव सचिव दामोदर श्याम,रघु ने कहा कि जिनकी जमीन एसईसीएल ने ली है उन्हें बिना किसी शर्त के रोजगार दिया जाये क्योंकि जमीन ही उनके जीने का एकमात्र सहारा था। आज भुखमरी के कगार पर भूविस्थापित खड़े है। अब आर पार की लड़ाई का समय आ गया है 17 अक्टूबर को पूरे परिवार सहित हजारों भू विस्थापित कलेक्ट्रेट घेराव में शामिल होंगे।

विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से बसंत चौहान, रवि यादव, चंद्रशेखर,अनिल बिंझवार,उत्तम,होरी,सुमेन्द्र सिंह,संजय यादव,पंकज, पुरषोत्तम, नरेंद्र यादव,प्यारे,फणीन्द्र,गणपत,दीनानाथ,शिवपाल, भूपेंद्र, अमरजीत के साथ सैकड़ों भू विस्थापित शामिल थे। ज्ञापन की इस प्रति को कोयला मंत्री, मुख्यमंत्री, के साथ एसईसीएल के सीएमडी को भी भेजा गया है।

मांगे:-
1) पूर्व में अधिग्रहित गांव के पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर सभी भू विस्थापितों को रोजगार प्रदान किया जाये।
2) जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है और कि जा रही है उन सभी छोटे बड़े खातेदारों को रोजगार प्रदान किया जाये।
3) शासकीय भूमि पर कबीजों को भी परिसंपत्तियों का पूर्ण मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को रोजगार प्रदान किया जाये।
4) कोल इंडिया द्वारा पूर्व में अधिग्रहित किये गये जमीनों को मूल किसानों को वापस किया जाये।
5) आंशिक अधिग्रहण पर रोक लगाई जाये एवं गांव के किसानों की जमीनों का पूर्ण अधिग्रहण किया जाये।
6) एसईसीएल में आऊट सोर्सिंग से होने वाले कार्यों में भू विस्थापितों एवं प्रभावित गांव के बेरोजगारों को 100% रोजगार में रखा जाये।
7) प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में होने वाले कार्यों का प्रशिक्षण देकर रोजगार दिया जाये।
8) प्रभावित एवं पुनर्वास गांव की महिलाओं को स्वरोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाये।
9) पुनर्वास गांव में कबीज भू विस्थापित परिवार को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाये।
10) पुनर्वास गांव गंगानगर में तोड़े गए मकानों, शोचालायो का क्षतिपूर्ति मुआवजा तत्काल दिया जाये।
11) डिप्लेयरिंग प्रभावित गांव में किसानों को हुये नुकसान का क्षतिपूर्ति मुआवजा प्रदान किया जाये।
12) बांकी माईन्स की बंद खदान के पानी को मड़वाढोंढा,बांकी बस्ती,पुरैना और आस पास के खेतों की सिंचाई और तीनों गांव के तालाबों को भरने की व्यवस्था की जाये।
13) पुनर्वास सभी गांव को पूर्ण विकसित मॉडल गांव बनाया जाये और सभी मूलभूत सुविधाएं पानी बिजली निःशुल्क उपलब्ध कराया जाये।
14) भू विस्थापित परिवार के बच्चों को निशुल्क शिक्षा एवं स्कूल बसों में फ्री पास उपलब्ध कराया जाये।
15) भू विस्थापित परिवारों के सभी सदस्यों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किया जाये।
16) एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में स्कूल बसों की संख्या बढ़ाई जाए।
17) रोजगार के लिए पूर्व में प्रशासन द्वारा जारी सत्यापन के आधार पर रोजगार प्रदान किया जाये।
18) पुराने लंबित रोजगार प्रकरण में जिन भू विस्थापितों का सत्यापन नहीं हुआ है उनका शिविर लगाकर सत्यापन कराया जाये।
19) कुसमुंडा परियोजना के विस्तार के कारण ग्राम खोडरी में किसानों का फसल नुकसान का क्षतिपूर्ति मुआवजा दिया जाये।
20) जिन किसानों के जमीन एसईसीएल में अधिग्रहण हुआ है उन्हें जब तक रोजगार, मुआवजा एवं अन्य सुविधा प्रदान नहीं की जाती तबतक भू विस्थापित किसान के जमीन पर किसी प्रकार का खनन कार्य नहीं किया जाये।

जवाहर सिंह कंवर
जिलाध्यक्ष, छग किसान सभा, कोरबा

छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS)
(अ. भा. किसान सभा – AIKS से संबद्ध)
जिला समिति कोरबा, छत्तीसगढ़