कोरबा में 2 परिवारों के सामाजिक बहिष्कृत का मामला आया सामने, एक परिवार तो पिछले ढाई दशक से झेल रहा बहिष्कार का दंश
कोरबा (कोरबा वाणी) – कोरबा निगम क्षेत्र के दर्री डाँड़पारा से सामाजिक बहिष्कृत का मामला सामने आया है जहां एक दबंग गौटिया की वजह से दो परिवार सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे है। दबंग गौटिया ने बस्ती में इस तरह मुनादी कर रखा है की कोई इन परिवारों से बातचीत और लेनदेन रखेगा उन्हे भी अर्थदंड देना पड़ेगा। जिससे इन दोनो परिवारों से कोई बातचीत या लेनदेन नही करता। बहिष्कृत करने के बाद ये परिवार अब किसी के सुख – दुख में शामिल नहीं हो सकते है। न ही इस गांव में वे किसी से खरीदी बिक्री भी कर सकते हैं। सरल शब्दों में गांव से इनका हुक्का पानी बंद कर दिया गया है।
दबंग गौटिया के दबंगई का दंश झेल रहे परिवारों में पहला परिवार बुजुर्ग लाल बहादुर का है जो मूलतः नेपाल से है लेकिन इनका परिवार कई दशकों से भारत में ही बस गए हैं। कोरबा में ही लाल बहादुर बिजली विभाग में कार्यरत थे। तब वे दर्री डांडपारा में अपना घर बनाकर परिवार सहित रहते थे। लेकिन बाहर से आए लाल बहादुर दबंगों को खटकने लगे और एक रात उन्हे घर छोड़कर वहां से चले जाने के लिए धमकाने लगे और जब लाल बहादुर ने उनकी बात नही मानी तो उन्हें सामाजिक बहिष्कृत कर बस्ती से हुक्का पानी बंद कर दिया गया। पीड़ित लाल बहादुर ने बताया कि ढाई दशक पहले अगस्त 1997 को बस्ती के गौटिया और कुछ दबंग लोग आधी रात को उनके घर घुस गए। उन्होंने नींद से उठाकर कई तरह की बातें की और घर छोड़कर भाग जाने की धमकी दी। वे बस्ती से नहीं गए तो उनका घर तोड़ दिया गया। परिवार को बहिष्कृत कर दिया गया। तब से वह बस्ती के समीप जंगल में झोपडी बनाकर परिवार के साथ रहने लगा। जहां मवेशी पालकर परिवार चला रहा है। बस्ती में न तो कोई उनके परिवार से बातचीत करता है और न ही किसी प्रकार का लेन-देन रखता है।
सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा दूसरा परिवार शिवप्रसाद मंझवार का है जिसका कसूर बस इतना है की इन्होंने एक दिव्यांग युवक की मदद की, उसका साथ दिया। दरअसल शिवप्रसाद मंझवार ने दिव्यांग युवक को जीविका चलाने के लिए एक छोटा सा दुकान खोलने मदद करते हुवे गांव के खाली जमीन पर जगह दे दी। लेकिन गांव की जमीन को अपना बपौती मानने वाले दबंग गौटिया कहां चुप रहने वाले थे। जैसे ही दिव्यांग युवक ने दुकान खोला वैसे ही शिवप्रसाद का विरोध शुरू हो गया। दिव्यांग का साथ देने का आरोप लगाते हुए गौटिया और उसके दबंगई के तले दबे गांव वालों ने शिवप्रसाद मंझवार के परिवार का हुक्कापानी बंद कर दिया। शिवप्रसाद और उसकी पत्नी ने बताया सामाजिक बहिष्कार के बाद अब गांव के लोग न तो उनके घर बर्थडे पार्टी में आए और न ही रिश्तेदार के मातम में शामिल होने दिए।
पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत दर्री पुलिस से की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दर्री थाना प्रभारी रूपक शर्मा मौके पर पहुंचे और समाज प्रमुखों से बातचीत कर जांच शुरू तो की लेकिन दबंग गौटिया का खौफ इतना है की पुलिस के सामने किसी ने सामाजिक बहिष्कार की बात नही स्वीकारी।
कोरबा में सामाजिक बहिष्कार का मामला उजागर होने के बाद एक बार फिर सोचने को मजबूर कर दिया है की आज के दौर में भी जब पुलिस द्वारा ऐसे मामलों पर कार्रवाई की जाती है। बावजूद समाज से बहिष्कृत करने और जुर्माना लगाने की प्रथा तमाम प्रयासों के बावजूद अब भी कायम है। अभी भी समाजों में इस तरह की प्रथा पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।