कोरबा न्यूज़

//समाचार// *जिले में मनाया गया राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस* कोरबा 15 अप्रैल 2024/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी के उपस्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कोरबा जिले के सभी विकासखण्डों से मास्टर ट्रेनर्स मितानिन एस.एच.जी.मेम्बर्स सरपंच एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम में सेंटर फार कैटेलाईजिंग चेंज (सी-3) इंडिया के स्टेट हेड श्री दिलीप सरवटे द्वारा सुरक्षित मातृत्व दिवस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होने बताया कि सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने का उद्देश्य सम्मान जनक मातृत्व देखभाल के दौरान मौखिक और शारीरिक दुर्वव्हार और भेदभाव से सुरक्षा शामिल है। उन्होंने कहा कि मातृ स्वास्थ्य अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर इसे बेहतर बनाया जा सकता है। बालिकाओं की गर्भावस्था में मृत्यु को कम करने एवं गरिमामय मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत व गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग और सेंटर फार कैटेलाईजिंग चेंज (सी-3) द्वारा सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्रसूती विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य सिसोदिया ने महिला केंद्रित गरिमामय स्वास्थ्य देखभाल पर जानकारी देते हुए दुर्व्यवहार की श्रेणियों पर विस्तार से प्रकाश डाला एवं इसे कम करने के लिए व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। सीएमएचओ ने स्वास्थ्य देखभाल के संबंध में बताया कि किसी भी गर्भवती महिला के पंजीयन से लेकर नियमित प्रसवपूर्व जॉंच और प्रसव के बाद तक की पूरी प्रक्रिया को फॉलो करना ही मातृत्व की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि एच.आर.पी. की पहचान, सोनोग्राफी की उपलब्धता, एएनसी जॉंच हेतु केन्द्रो में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के साथ ही लाभार्थी के नॉर्मल और सीजेरियन प्रसव कराने की सुविधा निरंतर जिले में बढ़ाई जा रही है।

कोरबा (कोरबा वाणी)अप्रैल 2024/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी के उपस्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कोरबा जिले के सभी विकासखण्डों से मास्टर ट्रेनर्स मितानिन एस.एच.जी.मेम्बर्स सरपंच एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम में सेंटर फार कैटेलाईजिंग चेंज (सी-3) इंडिया के स्टेट हेड श्री दिलीप सरवटे द्वारा सुरक्षित मातृत्व दिवस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी
गई।
उन्होने बताया कि सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने का उद्देश्य सम्मान जनक मातृत्व देखभाल के दौरान मौखिक और शारीरिक दुर्वव्हार और भेदभाव से सुरक्षा शामिल है। उन्होंने कहा कि मातृ स्वास्थ्य अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर इसे बेहतर बनाया जा सकता है। बालिकाओं की गर्भावस्था में मृत्यु को कम करने एवं गरिमामय मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत व गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग और सेंटर फार कैटेलाईजिंग चेंज (सी-3) द्वारा सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जा रहा है।
इस दौरान शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्रसूती विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य सिसोदिया ने महिला केंद्रित गरिमामय स्वास्थ्य देखभाल पर जानकारी देते हुए दुर्व्यवहार की श्रेणियों पर विस्तार से प्रकाश डाला एवं इसे कम करने के लिए व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। सीएमएचओ ने स्वास्थ्य देखभाल के संबंध में बताया कि किसी भी गर्भवती महिला के पंजीयन से लेकर नियमित प्रसवपूर्व जॉंच और प्रसव के बाद तक की पूरी प्रक्रिया को फॉलो करना ही मातृत्व की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि एच.आर.पी. की पहचान, सोनोग्राफी की उपलब्धता, एएनसी जॉंच हेतु केन्द्रो में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के साथ ही लाभार्थी के नॉर्मल और सीजेरियन प्रसव कराने की सुविधा निरंतर जिले में बढ़ाई जा रही है। में मनाया गया राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस*

कोरबा 15 अप्रैल 2024/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी के उपस्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कोरबा जिले के सभी विकासखण्डों से मास्टर ट्रेनर्स मितानिन एस.एच.जी.मेम्बर्स सरपंच एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम में सेंटर फार कैटेलाईजिंग चेंज (सी-3) इंडिया के स्टेट हेड श्री दिलीप सरवटे द्वारा सुरक्षित मातृत्व दिवस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होने बताया कि सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने का उद्देश्य सम्मान जनक मातृत्व देखभाल के दौरान मौखिक और शारीरिक दुर्वव्हार और भेदभाव से सुरक्षा शामिल है। उन्होंने कहा कि मातृ स्वास्थ्य अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर इसे बेहतर बनाया जा सकता है। बालिकाओं की गर्भावस्था में मृत्यु को कम करने एवं गरिमामय मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत व गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग और सेंटर फार कैटेलाईजिंग चेंज (सी-3) द्वारा सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जा रहा है।
इस दौरान शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्रसूती विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य सिसोदिया ने महिला केंद्रित गरिमामय स्वास्थ्य देखभाल पर जानकारी देते हुए दुर्व्यवहार की श्रेणियों पर विस्तार से प्रकाश डाला एवं इसे कम करने के लिए व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। सीएमएचओ ने स्वास्थ्य देखभाल के संबंध में बताया कि किसी भी गर्भवती महिला के पंजीयन से लेकर नियमित प्रसवपूर्व जॉंच और प्रसव के बाद तक की पूरी प्रक्रिया को फॉलो करना ही मातृत्व की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि एच.आर.पी. की पहचान, सोनोग्राफी की उपलब्धता, एएनसी जॉंच हेतु केन्द्रो में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के साथ ही लाभार्थी के नॉर्मल और सीजेरियन प्रसव कराने की सुविधा निरंतर जिले में बढ़ाई जा रही है।
कोरबा 15 अप्रैल 2024/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी के उपस्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कोरबा जिले के सभी विकासखण्डों से मास्टर ट्रेनर्स मितानिन एस.एच.जी.मेम्बर्स सरपंच एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम में सेंटर फार कैटेलाईजिंग चेंज (सी-3) इंडिया के स्टेट हेड श्री दिलीप सरवटे द्वारा सुरक्षित मातृत्व दिवस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होने बताया कि सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने का उद्देश्य सम्मान जनक मातृत्व देखभाल के दौरान मौखिक और शारीरिक दुर्वव्हार और भेदभाव से सुरक्षा शामिल है। उन्होंने कहा कि मातृ स्वास्थ्य अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर इसे बेहतर बनाया जा सकता है। बालिकाओं की गर्भावस्था में मृत्यु को कम करने एवं गरिमामय मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत व गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग और सेंटर फार कैटेलाईजिंग चेंज (सी-3) द्वारा सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जा रहा है।
इस दौरान शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्रसूती विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य सिसोदिया ने महिला केंद्रित गरिमामय स्वास्थ्य देखभाल पर जानकारी देते हुए दुर्व्यवहार की श्रेणियों पर विस्तार से प्रकाश डाला एवं इसे कम करने के लिए व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। सीएमएचओ ने स्वास्थ्य देखभाल के संबंध में बताया कि किसी भी गर्भवती महिला के पंजीयन से लेकर नियमित प्रसवपूर्व जॉंच और प्रसव के बाद तक की पूरी प्रक्रिया को फॉलो करना ही मातृत्व की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि एच.आर.पी. की पहचान, सोनोग्राफी की उपलब्धता, एएनसी जॉंच हेतु केन्द्रो में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के साथ ही लाभार्थी के नॉर्मल और सीजेरियन प्रसव कराने की सुविधा निरंतर जिले में बढ़ाई जा रही है।