बच्चों में दिखी मासूमियत भरी मानवता, बाज़ पक्षी को तड़पता देख बच्चो ने की पहल।
कोरबा(कोरबा वाणी)-आम तौर पर खेलने कूदने की उम्र में बच्चे अपने ज़िंदगी में मस्त रहते हैं और अपनी दुनियां में खोए रहते हैं , बच्चें बहुत मासूम और कोमल होते हैं, (बच्चे मन के सच्चे) ये कहावत आज सत्य होता दिखा, कोरबा के आर पी नगर फेस वन के दशहरा मैदान के पास जब बच्चे खेल रहे थे, तभी साइकिल चलाते वक्त कुछ बच्चो की नज़र एक पक्षी पर पड़ी जो चोट लगने के कारण फड़फड़ा रहा था और उड़ नहीं पा रहा था, फिर क्या था कुछ बच्चो ने अपनी वानर सेना को जाकर ये बात बताई, फिर सभी ने उसको बचाने का सोचा इस पहल से बच्चों ने अपने घर के बड़ों की इसकी जानकारी दी पर बड़ो ने इस घटना को नज़र अंदाज़ किया तब भी बच्चों ने हार नहीं मानी और किसी तरह एक फोन लेकर यूटयूब खोल कर जिले के वन्य जीवों के प्रति समर्पित जितेंद्र सारथी का नंबर निकाला, फिर एक बच्चे ने पक्षी को चोट लगने की जानकारी दी, तब जितेंद्र सारथी अपनी बाइक का पंचर बनवा रहे थे उन्होने ये बात कहते हुए फोन रख दिया की थोडी देर बाद आता हू, फिर बच्चों ने लागातार फोन करते रहें जब तक जितेंद्र सारथी मौके पर नहीं पहुंचे, जितेंद्र सारथी के घटना स्थल पहुंचने पर ही बच्चो ने सास ली फिर बाज़ का सुरक्षित रेस्क्यू किया गया, बच्चे कहते रहें, ये बच तो जाएगा न भैया, इस बात को सुन जितेंद्र सारथी ने सभी को दिलासा दिलाया, आप लोगों ने एक बेजुबान की जान बचाई इसे भला क्या होगा, फिर सभी बच्चों ने जितेंद्र सारथी का धन्यवाद किया, थोड़ी देर बाद पशु चिकित्सा से इलाज कराया वेटगया, स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख वन विभाग सदस्य जितेंद्र सारथी ने इसकी जानकारी वन विभाग को दिया, उसके उपरांत चिकन का टुकड़ा खिला के जंगल में छोड़ दिया गया।
जितेंद्र सारथी ने बताया ये घटना हमें बताती हैं कि बच्चे बहुत जागरूक हो गए हैं, उसका वन्यजीव के प्रति शिक्षा के साथ प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया भी है, जिसको अक्सर बच्चे देखते हैं और सुनते हैं, जितेंद्र सारथी ने तमाम प्रिन्ट मीडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडिया को धन्यवाद किया।