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मौके पर मकान ही नहीं तो किसका निरीक्षण कर कराएंगे एसडीएम,अमगांव पंचायत के जोकाहीडबरी के 100 मकान 6 साल पहले तोड़ दिए, मुआवजा अब तक नहीं

अमगांव/हरदीबाजार/पाली(कोरबा वाणी)-एसईसीएल की गेवरा परियोजना से प्रभावित ग्राम अमगांव के जोकाहीडबरी के 100 मकानों का मुआवजा 2016 से नहीं मिल पाया है मुआवजा का आश्वासन देकर इनके मकानों को तोड़ दिया गया और अब 6 साल बाद पाली एसडीएम ने इन मकानों का पुनर्निरीक्षण करने का आदेश दिया है सवाल उठता है कि जब मकान ही नहीं रह गए तो निरीक्षण किसका किया जाएगा ?

इस संबंध में जोकाहीडबरी निवासी एवं प्रभावित मनीराम पिता दयाराम ने बताया कि यहां के 124 मकानों का मुआवजा नहीं मिलने पर पूर्व की शिकायत उपरांत प्रशासन की संयुक्त टीम में हरदीबाजार तहसीलदार हल्का पटवारी एसईसीएल गेवरा से विशेष कर्तव्य अधिकारी अविनाश शुक्ला नोडल अधिकारी पराजंपे, सर्वे अधिकारी बघेल व अन्य के द्वारा मौके पर नाप-जोख किया गया ।

123 मकान निजी भूमि व एक मकान शासकीय भूमि पाया गया 27 28 व 29 अक्टूबर 2016 को सर्वे एवं नाप-जोख उपरांत 23 मकानों का मुआवजा दे दिया गया, आरोप है कि महादलित वर्ग का होने के कारण 100 मकानों का मुआवजा शेष है इन मकानों को तोड़कर समतल करने पर मुआवजा भुगतान की बात कही गई तब लोगों ने मकान तोड़ दिए इसके बाद तहसीलदार अभिषेक राठौर के द्वारा पात्र का हस्ताक्षर करने प्रत्येक मकान मालिक को 50-50 हजार रुपए हल्का पटवारी पांडेय के माध्यम से वसूली के लिए भेजा गया किंतु रुपए नहीं दे पाए तो मुआवजा पत्रक में अपात्र लिखकर एसईसीएल गेवरा परियोजना भेज दिया गया ।

अब मुआवजा नौकरी बसाहट व जीविकोपार्जन के लिए शासन प्रशासन को लिखे गए पत्र पर एसडीएम पाली के द्वारा ग्राम अमगांव के जोकाहीडबरी के मकानों का पुनर्निरीक्षण करने हल्का पटवारी को आदेश दिया गया है प्रभावित मनीराम भारती ने एसडीएम को पत्र लिखकर कहा है कि जब मौके पर मकान ही नहीं है तो किसका निरीक्षण कराया जाएगा ।