कोरबा न्यूज़

जिले में 196 लोक सेवा केन्द्रो के माध्यम से लोगो को मिल रही जाति-निवास, आय प्रमाण पत्र, गुमास्ता लाइसेंस बनाने की सुविधा,वनांचल क्षेत्र अजगरबहार में भी तीन च्वाइस सेन्टरों से प्रमाण पत्र बनाने में नागरिको को हो रही सहुलियत,वर्तमान मे लगभग 91 प्रतिशत आवेदन निराकृत

कोरबा(कोरबा वाणी)-जिले के नागरिको के लिए जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र बनवाने या दुकान खोलने के लिए गुमास्ता लाइसेंस आदि जरूरी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिले मे स्थापित 196 लोक सेवा केन्द्र सरल और सुलभ माध्यम है। ऐसे जरूरी दस्तावेजों को बनाने के लिए लोक सेवा केन्द्र और च्वाइस सेंटर शुरू किए गए हैं। इन केन्द्रों में लोगों को अब लंबी-लंबी कतारें नहीं लगानी पड़ती। दस्तावेजों के लिए अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर से भी मुक्ति मिल गई है। साथ ही समय सीमा तय होने के कारण एक निश्चित अवधि के बाद दस्तावेज मिलने की निश्चितता की गारंटी भी है। कोरबा जिले के लोगों को भी शासकीय योजनाओं और सेवाओं का तय समय सीमा में प्रभावी ढंग से लाभ दिलाने के लिए 16 लोक सेवा केन्द्र और 180 कॉमन सर्विस सेंटर चल रहे हैं। नई तहसील और वनांचल क्षेत्र अजगरबहार मे भी तीन च्वाईस सेंटर संचालित है। इसके माध्यम से दूरस्थ क्षेत्र के नागरिकों को जाति, आय, निवास आदि जरूरी प्रमाण पत्र बनाने मे सहुलियत हो रही है। ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुश्री शिखा राजपूत ने बताया कि कोरबा जिले के लोक सेवा केन्द्रों में योजना शुरू होने से अब तक लगभग 91 प्रतिशत आवेदन निराकृत हो चुके है। ई-डीएम ने बताया कि वर्ष 2022 में 18 मई तक कुल 24 हजार छः सौ आवेदन प्राप्त हुए है। जिसमे से 18 हजार 80 आवेदनो का निराकरण किया गया है। उन्होने बताया कि लोक सेवा केन्द्र जिले के तहसील कार्यालयों-नगरीय निकायो में स्थापित है। उक्त केन्द्रो मे प्राप्त आवेदनो को जांच कर ऑनलाईन पोर्टल में एन्ट्री किया जाता हैं। सीएससी के माध्यम से प्राप्त आवेदनों के निराकरण के लिए समय सीमा निर्धारित है। ई-डीएम ने बताया कि अन्य जिले से आये व्यक्तियों के द्वारा प्राप्त आवेदन तथा दस्तावेजों मे कमी, मात्रात्मक त्रुटि और जिर्ण-क्षीर्ण पुराने दस्तावेजों के स्पष्ट न होने के कारण ऐसे आवेदनों को टिप्पणी लिखकर वापस किया जाता है। इसके पश्चात आवेदक द्वारा पुनः उलब्ध कराने पर आवेदन सही-त्रुटि रहित पाये जाने पर प्रमाण पत्र तहसील एसडीएम कार्यालय आदि द्वारा जारी किये जाते है। ई-डीएम सुश्री राजपूत ने बताया कि लोक सेवा केन्द्रो के माध्यम से प्राप्त आवेदनों और उनके निराकरण की अद्यतन स्थिति की भी नियमित समीक्षा की जाती है।

 

 

 

राज्य में सुशासन की धारणा को स्वीकार कर आम जनता को बेहतर एवं प्रभावी सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना राज्य के सभी जिलों में लागू की गई है। लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से जिले में कुल 40 प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा रही है। जिला कार्यालय, नगर निगम तथा सभी तहसीलों एवं उपतहसीलों को मिलाकर जिले में कुल 16 लोक सेवा केन्द्र तथा 180 कॉमन सर्विस सेंटर कार्य कर रहे हैं। इन लोक सेवा केन्द्रों एवं कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से दूरस्थ अंचलो में निवासरत् ग्रामीणों को बुनियादी सेवाएं एवं सुविधाएं तय समय सीमा में प्रभावी ढंग से प्राप्त हो रही है। यहां यह बताना लाजमी है कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के लागू होने से पहले लोगों को अपने दस्तावेजों और जरूरी प्रमाण पत्रों के लिए दफ्तर-दफ्तर भटकना पड़ता था। जिले के किसानों को खसरा, नक्शा, बी-1, बी-2 जैसे दस्तावेजों के लिए पटवारी कार्यालय एवं तहसीलों के चक्कर लगाने पड़ते थे, परंतु अब लोक सेवा गारंटी के माध्यम से ये सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो रही है। आय का दस्तावेज पटवारी के प्रतिवेदन पर तहसीलदार कार्यालय से बनता था तो जाति प्रमाण पत्र के लिए सरपंच से लेकर एसडीएम कार्यालय तक के चक्कर काटने पड़ते थे। गुमस्ता लाइसेंस बनाने के लिए नगरीय क्षेत्रों में जोन कार्यालयों से लेकर वाणिज्य कर कार्यालय और निगम पालिका कार्यालयों तक की दौड़ लोगों को लगानी पड़ती थी। अपनी ही जमीन का नक्शा-खसरा, बी 1 रिकॉर्ड लेने के लिए पटवारियों से लेकर तहसील कार्यालयों तक जाना पड़ता था। लोक सेवा गारंटी नियम के लागू हो जाने से लोगों के यह सब काम अब एक छत के नीचे हो जाते हैं। शासन-प्रशासन की संवदेनशीलता के कारण आम जनता को सहज रूप से इसका लाभ मिल रहा है।