कोरबा न्यूज़

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति की संघर्षो से सुआभोडी के प्रभावितों को मिली बड़ी सौगात,मकान एवं अन्य परिसंपत्तियों, अतिरिक्त पात्र मकान मालिक तथा ग्राम पंचायत की भूमि पर निर्मित मकान पर 100% सोलेशियम सहित मुआवज़ा की मिली स्वीकृति

दीपका/कोरबा(कोरबा वाणी)-ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति द्वारा भूविस्थापितों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने के लिए लगातार संघर्ष किया जा रहा है , इसी कड़ी में एसईसीएल की दीपका क्षेत्र अंतर्गत सुआभोडी के 280 लोंगो के लिए एक बड़ी राहत भरा सौगात मिला है । ग्राम सुआभोडी स्थित 625 भूविस्थापितों के मकानों में से पुनर्वास नीति के नियमो के विरुद्ध बताते हुए 280 लोंगो के मकान को राजस्व विभाग द्वारा अपात्र घोषित कर दिया गया था और उनको दी जाने वाली मुआवजा की राशि पर रोक लगा दी गयी थी । जिसको लेकर संगठन लगातार संघर्षरत थी और विभिन्न बैठकों में इस मुद्दे पर बातें रखते हुए प्रबन्धन पर दबाव बनाया जा रहा था और अंततः एसईसीएल मुख्यालय ने संगठन की मांगों पर अपनी स्वीकृति दे दी है ।

उक्ताशय की जानकारी देते हुए ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति की ओर से जारी बयान में इसे भूविस्थापितों की संघर्षो की जीत बताते हुए संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया है कि दीपका विस्तार के लिए ग्राम सुआभोडी की 39.62 हेक्टेयर जमीन का अर्जन किया गया था जिसमे 625 मकान निर्मित थे । अन्य व्यक्ति की जमीन तथा ग्राम पंचायत की जमीन पर बने मकानों को सोलिशियम के लिए अपात्र माना गया था । चार चरणों मे यहां के मकानों को नापी किया गया था जिसमे पहले चरण में 30 और दुसरे चरण में 315 घरों का 11. 22 करोड़ अविवादित स्वीकृत कर लिया गया था किंतु तीसरे और चौथे चरण में 280 मकानों का मुआवजा पर रोक लगा दी गयी थी जिसे लगातार संगठन द्वारा स्वीकृत कराने का प्रयास किया जा रहा था । और दूसरे की जमीन एवं पंचायत की जमीन पर निर्मित मकानों को भी 100 प्रतिशत सोलिशियम के लिए पात्र मानते हुए तीसरे चरण के 90 मकान मालिको को 3. 16 करोड़ , चौथे चरण के 71 मकानों का 1.44 करोड़ एवं 119 मकानों मालिको का 1.21 करोड़ रुपये इसी तरह से पंचायत के भूमि पर निर्मित मकान का 100% सोलिशियम सहित 3.39 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है ।

बसाहट नही लेने पर 3 के बदले अब 15 लाख रुपये

कुलदीप ने बताया है कि प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्यालय ने बसाहट के बदले दी जाने वाली राशि को बढ़ाने की मांग पर भी विचार किया गया है और यदि किसी स्थान के समस्त लोग बसाहट के बदले राशि लेने के लिए तैयार होते हैं तो दो किश्तों में 10 व 5 लाख (कुल 15 लाख ) रुपये प्रदान की जाएगी जबकि वर्तमान में मात्र 3 लाख रुपये का प्रावधान है । उन्होंने कहा कि बसाहट के लिए जमीन की अनुपलब्धता एवं चयनित स्थल को ग्रामीणों द्वारा पसन्द नही किये जाने के कारण गतिरोध दूर करने के लिए एसईसीएल का यह कदम सकारात्मक हो सकता है ।

रोजगार के पुराने मामलों में मिली सफलता

ऊर्जाधानी संगठन के लगातार सँगर्षो और वार्ता के दौरान रखी गयी न्यायसंगत तर्कों के आधार पर वर्षो से लम्बित रोजगार के मामलों में भी गति आयी है । 2021 में संगठन के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौते के बाद कोरबा कलेक्टर ने प्रभावित क्षेत्र में जिले के पूरी राजस्व एवं एसईसीएल की सयुंक्त टीम को हर घर मे भेजकर सर्वे करवाया था जिसके बाद जमा आवेदनों पर जांच उपरांत पात्र लोंगो को रोजगार देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है । दीपका में 4 कुसमुंडा में 2 लोगो को स्वीकृति मिल चुकी है इसी तरह गेवरा में भी दो लोंगो को रोजगार की कार्यवाही की जा रही है । उन्होंने कहा है कि कलेक्टर द्वारा दिये गए निर्देश एवं संशोधन के बाद अलग अलग वर्षो में अधिग्रहण , अर्जन के बाद जन्म ,रैखिक सबन्ध के आधार पर रोके गए रोजगार को देने की मांग पर हम अपने आंदोलन के माध्यम से दबाव को कमजोर होने नही देंगे और भुविस्थापितों को उनका मौलिक अधिकार दिलाकर ही दम लेंगे ।

प्रेषक
ललित महिलांगे
मीडिया प्रभारी
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