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छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा कोरबा मे जन सुनवाई, जिला पंचायत सभागार में कुल 35 प्रकरणों की गई सुनवाई

कोरबा(कोरबावाणी) – छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक (कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त) एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय के द्वारा गुरुवार को कोरबा के जिला पंचायत सभागार में कुल 35 प्रकरणों की सुनवाई की गई।

इनमें दहेज प्रताड़ना, मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना, उत्पीड़न, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, संपत्ति विवाद, तलाक, भरण पोषण जैसे विभिन्न प्रकरण शामिल थे।

इस दौरान उन्होंने आवेदक एवं अनावेदक (उभय पक्ष) के लोगों से बारी-बारी से सुनवाई करते हुए प्रकरणों के पटाक्षेप की दिशा में प्रयास किए, साथ ही आवश्यक समझाइश देते हुए कानून के विभिन्न पहलुओं के बारे में बारीकियों की जानकारी भी दी।

आयोग को प्राप्त 35 प्रकरणों में से 13 मामलों में दोनों पक्ष उपस्थित थे, जबकि 16 प्रकरणों में एक पक्ष के आवेदक हाजिर थे और शेष 7 मामलों में कोई भी पक्ष की सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं था। कार्रवाई में 16 प्रकरण नस्तीबद्ध हुए।

जिला पंचायत के सभाकक्ष में दोपहर से हुई सुनवाई में आयोग की अध्यक्ष डा किरणमयी नायक और सदस्य अर्चना उपाध्याय ने सभी प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए तत्संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश संबंधितों को दिए।

सुनवाई के दौरान एक प्रकरण कॉलेज से जुड़ा था जिसमे एक प्रोफेसर ने कालेज के प्रिंसिपल सहित अन्य प्रोफेसर पर सीनियर्टी को न देखकर जूनियर को लाभ देने कि शिकायत कि गई थी जिस पर आयोग की अध्यक्ष डा नायक ने कहा कि विभागीय मामला है इसकी शिकायत कॉलेज कि गर्वनिंग बॉडी या विश्व विद्यालय से करें।

गौरतलब है कि इस शिकायत के दौरान एक बात सामने आई की कॉलेज में आंतरिक परिवार समिति का गठन उस कॉलेज में नहीं हुआ है जिस पर आयोग कि अध्यक्ष ने हर उस संस्थान पर जहां 10 या 10 से अधिक कर्मचारी काम करते है वहां सघन अभियान चलाकर आंतरिक परिवार समिति का गठन करवाने के लिए आयोग कि सदस्य अर्चना उपाध्याय और कोरबा सीएसपी योगेश साहू को निर्देशित किया है।

सुनवाई के दौरान कार्य स्थल पर मानसिक उत्पीड़न, सम्पत्ति विवाद, आर्थिक लेन-देन, तलाक, मानसिक प्रताड़ना सहित विभिन्न प्रकार के प्रकरणों की सुनवाई राज्य महिला आयोग के द्वारा की गई। साथ ही 16 प्रकरणों को नस्तीबद्ध कर निराकृत किया गया।

इस अवसर पर पुलिस एवं अन्य संबद्ध विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और सुनवाई के लिए आए आवेदक, अनावेदक तथा उनके स्वजन मौजूद थे।