भिलाई बाजार स्कूल – एक माह में शुरू होगी कायाकल्प , टैंकर से पेयजल आपूर्ति आज से, ऊर्जाधानी संगठन के आंदोलन की चेतावनी के बाद प्रबंधन आया हरकत में
भिलाईबाजार/कोरबा(कोरबा वाणी) -पिछले दिनों कोयला उत्खनन के लिए किये जाने वाले हैवी बलास्टिंग से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भिलाइबाजार के भवनों की छतों से प्लास्टर भरभराकर गिर जाने के बाद से यहाँ पर अध्ययनरत विद्यालयीन बच्चो को हर समय भययुक्त माहौल में पढ़ने की मजबूरी बनी हुई है । कोई और विकल्प नही होने की वजह से लगभग 1000 बच्चे व शिक्षक डर डर कर स्कूल आ रहै है । घटना के बाद एसईसीएल के अधिकारियों सहित शिक्षा विभाग के लोंगो ने स्कूल का जायजा लिया था । प्राचार्य द्वारा विधिवत इसकी सूचना अपने उच्चधिकारियों सहित जिला प्रशासन को करा दिया था । घटना के सामने आने के बाद ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने भी विद्यालय का दौरा कर एसईसीएल गेवरा महाप्रबन्धक को तत्काल मरम्मत कार्य करने सहित आने वाले खतरा का आशंका व्यक्त करते हुऐ विद्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था वार्ता में इस मांग से सहमत होते हुये मरम्मत कार्य आरम्भ करने का आश्वासन दिया गया था । किंतु एक माह बीत जाने के बावजूद कार्य मे प्रगति नही होने पर पुनः पत्र जारी करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी गयी थी ।
आज एसईसीएल गेवरा प्रबन्धन के3 साथ द्विपक्षीय वार्ता में बताया गया है कि कल से टेंकर से पेयजल आपूर्ति आरम्भ कर दिया जाएगा और एक माह में टेंडर की प्रक्रिया पूरा कर क्षतिग्रस्त स्कूल भवन का मरम्मत कार्य शुरू हो जाएगा । आज आहूत बैठक में मुख्य महा प्रबन्धक एस के मोहंती भू राजस्व अधिकारी अमिताभ तिवारी ,नरसिम्हा राव , गगन गोपरिया ऊर्जाधानी संगठन के पदाधिकारी रूद्र महंत संतोष दास, जगदीश पटेल उदय महंत ,विश्णु अगरिया ,सहेंद्र दास रमेश पटेल, आदि उपस्थित थे ।
इस सबन्ध में जानकारी देते हुए सन्गठन के कोषाध्यक्ष रुद्र दास , जगदीश पटेल ने बताया कि आयोजित द्विपक्षीय बैठक के वार्ता में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भिलाइबाजार के भवन की जर्जर हालात पर विस्तारपूर्वक चर्चा किया गया एक माह में मरम्मत कार्य शुरू करने तत्काल पानी आपूर्ति और बोर करने का आश्वसन दी गयी है जबकि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से सलाह मशविरा उपरांत नया विद्यालय भवन का निर्माण कराया जाएगा ।
गौरतलब है कि गेवरा खदान के नजदीक स्थित विद्यालय भवन में कोयला उत्खनन के लिए किये जाने वाले हैवी बलास्टिंग के कारण कभी भी गंभीर दुर्घटना और जान माल हानि होने की सम्भावना बनी हुयी है । जिससे विद्यालय में अध्ययन व अध्यापन कार्य करने वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों में हमेशा भय व्याप्त रहता है और विद्यालय में अध्ययनरत बच्चो व शिक्षकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भवन की मरम्मत कराने अथवा विद्यालय भवन को अन्यत्र स्थान्तरित करने के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की की जा रही थी । प्रबन्धन व जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही नही किया जा रहा था और स्थानीय ग्रामीणों , पालको के साथ आगामी आन्दोलन करने का निर्णय लिया गया था ।
ऊर्जाधानी संगठन ने कहा है यदि एक माह में विद्यालय भवन में मरम्मत कार्य आरम्भ नही होगा तो उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा ।
प्रेषक
ललित महिलांगे
मीडिया प्रभारी
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