धर्मजीत बोले- निष्कासन पत्र में उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे, भाजपा में शामिल होने नहीं बल्कि समारोह के आमंत्रण मिलने पर पहुंचे थे
रायपुर(कोरबा वाणी)-छत्तीसगढ़ के एकमात्र क्षेत्रीय दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के संस्थापक अजीत जोगी के निधन के बाद लोरमी विधायक व पार्टी के संस्थापक सदस्य धर्मजीत सिंह को जकांछ ने विधायक दल का नेता चुना था, जिन्हें पार्टी ने निष्कासित कर बीते दिवस जेसीसी (जे) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधायक रेणु जोगी ने एक पत्र में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत को विधायक के निष्कासन की जानकारी दी। पत्र में उल्लेख है कि पार्टी की कोर कमेटी ने दुख के साथ एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। जेसीसी (जे) विधायी दल के नेता सिंह, जो लोरमी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। सिंह को अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के हितों की अनदेखी करने और पार्टी के संस्थापक दिवंगत अजित जोगी द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के खिलाफ काम करने के लिए निष्कासित किया गया है। यह सब कुछ तब हुआ जब जकांछ के विधायक धर्मजीत सिंह व प्रमोद शर्मा केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के रायपुर प्रवास के दौरान आयोजित एक समारोह में शामिल हुए। इधर विधायक धर्मजीत ने निष्कासन पत्र में लगाए गए आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया है। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि पिछले महीने रायपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक समारोह में शामिल होने पर अमित जोगी ने फोन पर उनकी पत्नी के साथ दुव्र्यवहार किया। अगर अमित जोगी को इससे कोई समस्या थी तो उन्हें मुझे फोन करना चाहिए था कि उन्होंने मेरी पत्नी को क्यों बुलाया और उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया? मैं राजनीति में सब कुछ बर्दाश्त कर सकता हूं, लेकिन ईमानदारी का उल्लंघन नहीं। मैं स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकता। प्रमोद और मैं समारोह में गए क्योंकि हमें आमंत्रित किया गया था और विभिन्न क्षेत्रों के लोग भी गृहमंत्री को सुनने के लिए वहां मौजूद थे। मैं वहां भाजपा में शामिल होने या अमित शाह से मिलने नहीं गया था।