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38 दिन पहले ही 186.52 मिलियन टन माल लदान का लक्ष्य किया हासिल, एसईसीआर की इस उपलब्धि में कोरबा के कोयला खदानों का योगदान

कोरबा(कोरबा वाणी)-आपदा के बावजूद माल लदान में वित्तीय वर्ष समाप्ति के 38 दिन पहले ही 186.52 मिलिटन का लक्ष्य दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) बिलासपुर जोन ने हासिल कर लिया है। इस उपलब्धि में एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट में शामिल कोरबा जिले के गेवरा, दीपका और कुसमंंडा कोयला खदान की बदौलत रेलवे जोन को मिले लक्ष्य से अधिक माल लदान कर लिया है। उक्त अवधि में एसईसीआर बिलासपुर के लोड किए गए माल लदान में कोयला के अलावा क्लिंकर, लौह अयस्क, सीमेंट, स्टील, खाद्यान्न, रासायनिक खाद, खनिज तले व स्टील कारखाने के लिए कच्चे माल शामिल है।
चालू वित्तीय वर्ष में माल लदान में रेलवे को 15 हजार 795 करोड़ का राजस्व मिला है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे सर्वाधिक लदान करने वाले जोन में से एक है, जिसमें कोरबा रेलखंड का कोयला ढुलाई में योगदान सबसे अधिक है। बावजूद इसके यात्री सुविधाओं को लेकर उपेक्षा की जाती है। रेलवे स्टेशन कोरबा व गेवरा से ट्रेन चलाने का लेकर आंदोलन भी करना पड़ रहा है। रेलवे की ओर से जरूरी सुविधाएं लोगों को नहीं मिलने से नाराजगी है। कोरोनाकाल में तो रेल सुविधाओं में एक के बाद एक कटौती ही की गई है। हफ्तेभर चलने वाली कई यात्री ट्रेनों को नियमित नहीं किया गया है। जबकि कोरोना का पीक दौर खत्म हो गया है। कोरबा से चलने वाली तीन पैसेंजर गाडिय़ां का परिचालन अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। रेलवे पर यह आरोप भी लगते रहे हैं कि रेल लाइन पर ट्रैफिक के दबाव को कम कर मालगाडिय़ों को रवाना करने की मंशा से यात्री ट्रेनों के परिचालन में बेवजह की देरी की जा रही है।