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बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने वनांचल विकासखंड नगरी में “मोर शिक्षा परी” अभियान का हुआ शुभारंभ

नगरी धमतरी(कोरबा वाणी)- वनांचल क्षेत्र स्थित आदिवासी विकासखंड नगरी के शालाओं की शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने, शालाओं में अध्ययनरत बच्चों के शैक्षिक विकास हेतु उनके उपलब्धि परीक्षण के आधार पर अपेक्षित सुधार लाने हेतु विकासखंड शिक्षा अधिकारी सतीश प्रकाश सिंह ने विकासखंड स्तरीय समीक्षा बैठक लेकर सभी प्राचार्यों, प्रधान पाठको, संकुल शैक्षिक समन्वयकों को निर्देशित किए है। बैठक में बी.ई.ओ.श्री सिंह ने स्कूलों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, बालिकाओं की निरंतरता शाला में बनाए रखने के लिए, बालिकाओं की शाला में शत-प्रतिशत नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा बालिका शिक्षा के प्रति पालको, विशेषतः बालिकाओं की माताओं को शिक्षा से जोड़ने हेतु “मोर शिक्षा परी” अभियान अंतर्गत समुदाय आधारित गतिविधियों को संचालित करने के निर्देश दिए | बी.ई.ओ. सतीश प्रकाश सिंह ने “मोर शिक्षा परी” अभियान में स्कूली बच्चों की शाला में नियमित उपस्थिति, विषय आधारित कक्षा शिक्षण में बच्चों की सक्रियता, विभिन्न शैक्षिक एवं सहायक शिक्षण सामग्रियों के प्रति अभिरुचि, पठन-पाठन में बच्चों की नियमित गतिविधियों आदि बिन्दुओं के आधार पर प्रत्येक माह एक दिवस उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को “मोर शिक्षा परी” का टाइटल प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए | शाला में उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन करने वाली बालिका को “मोर शिक्षा परी” टाइटल के साथ परी के वेश-भूषा में सम्मानित कर ग्राम एवं समुदाय के सहयोग से सम्मानित किया जावेगा जिससे शाला के अन्य बच्चों को प्रेरणा मिल सके तथा सभी बच्चें शिक्षा के प्रति रूचि लेकर पठन-पाठन में अग्रसर हो सके | उक्त “मोर शिक्षा परी” अभियान पूर्णतः स्वैच्छिक रूप से शालाओं में आयोजित किया जावेगा |

विभागीय समीक्षा बैठक में बी.ई. ओ. सतीश प्रकाश सिंह ने विभिन्न एजेंडा तथा विभागीय योजनाओं की समीक्षा की तथा सभी प्राचार्यों,प्रधान पाठकों, संकुल शैक्षिक समन्वयकों को बच्चों की शैक्षणिक एवं बौद्धिक स्तर के विकास हेतु , विभिन्न विषयों एवं कक्षाओं के लिए प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन किया जाकर भाषा, गणित, अंग्रेजी, विज्ञानं, पर्यावरण अध्ययन एवं सामाजिक अध्ययन विषय में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए दिए | उन्होंने बालबाड़ी में प्रवेश लिए 3 से 6 आयु वर्ग के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से जोड़कर छोटे बच्चों के सीखने की क्षमता का विकास करने तथा छोटे बच्चों को प्राथमिक शाला में आने पर किसी भी प्रकार की असुविधा, झिझक, भय आदि न हो, इसका समाधान करने के निर्देश दिए |
बी.ई.ओ.सतीश प्रकाश सिंह ने संस्था के प्राचार्यों, प्रधान पाठको, संकुल शैक्षिक समन्वयकों को बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए उत्तम रूप से शाला संचालन करने, प्रत्येक बच्चों की प्रगति पर पालकों के साथ दैनिक एवं मासिक चर्चा करने व शैक्षिक समाधान करने एवं बच्चों की नियमित उपस्थिति तथा सीखने की क्षमता विकास की कार्ययोजना का क्रियान्वयन करने, शाला में शिक्षक-शिक्षिकाओं की नियमित उपस्थिति सुनिशिचित करने तथा शाला में प्रतिदिन रोचक एवं प्रभावी शैक्षणिक गतिविधियों के साथ शाला संचालित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये। समीक्षा बैठक में प्राचार्य प्रभा ठाकुर , मिनाक्षी रामटेके, मोतीलाल नेताम, अनिभा अग्रवाल, राजेश गुप्ता, एस.के.प्रजापति, पी.सी.झा सहित अन्य सभी संकुल शैक्षिक समन्वयक, प्रधान पाठक सहित डाईट नगरी के सहायक प्राध्यापक प्रकाश राय, जोहन नेताम, रामूलाल साहू, के.पी.साहू, एवं कार्यालयीन कर्मचारी उपस्थित थे |