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कोरबा जिले में शासकीय स्कूल के बच्चों को मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ सुबह मिलेगा नाश्ता, कोरबा जिला ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ का पहला जिला

कोरबा (कोरबा वाणी)- राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मध्याह्न भोजन के साथ सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को नाश्ता मुहैया कराने का प्रावधान रखने का भी प्रस्ताव है. पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई इस शिक्षा नीति में कहा गया है कि सुबह के समय पोषक नाश्ता मिलना अधिक मेहनत वाले विषयों की पढ़ाई में लाभकर हो सकता है. यह प्रस्ताव कोरबा जिले में क्रियान्वयन होने वाला छग राज्य का पहला जिला बनने जा रहा है। आज कोरबा कलेक्ट्रेट सभागार में चल रही कार्यशाला के दौरान प्रदेश के वाणिज्य, उद्योग एवम श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने इसकी घोषणा की है की जिले के शासकीय स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों को मध्यान्ह भोजन के अलावा सुबह पौष्टिक नाश्ता भी दिया जाएगा। इस विषय में कार्यशाला के दौरान ही कैबिनेट मंत्री ने जिला कलेक्टर को डीएमएफ फंड से शासकीय स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए सुबह पौष्टिक नाश्ते की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। वहीं जिला कलेक्टर ने भी आगामी डीएमएम की बैठक में कार्ययोजना बनाकर कैबिनेट मंत्री की घोषणा का क्रियान्वयन करने की बात कही है।

कैबिनेट मंत्री लखन देवांगन का मानना है की बच्चो को सीधे दोपहर में खाना मिलता है, जब वे सुबह भूखे पेट होंगे तब उनका मन भी पढ़ाई में नही लगेगा इसलिए अब से उन्हें सुबह नाश्ता दिया जाएगा क्योंकि भूखे पेट भजन न होवे गोपाला…

गौरतलब है की कोरबा जिला औद्योगिक क्षेत्र होने की वजह से यहां श्रमिक वर्ग की अधिकता है जो दिन भर कमाई कर अपने परिवार का जीवन यापन करते है ऐसे में कई घरों के बच्चे को सुबह नाश्ता भी नसीब नही होता। बेशक उन्हें स्कूल में दोपहर को खाना मिलता है लेकिन सुबह से भूखा होने की वजह से उनका मन पढ़ाई में नही लगता और पढ़ाई में कमजोर होने पर वह स्कूल जाने से दूरी बना लेता है और एक दिन स्कूल की पढ़ाई बंद कर देता है लेकिन अब सुबह पौष्टिक नाश्ता की योजना से उनको भूखा नही रहना पड़ेगा। सुबह पौष्टिक नाश्ता और दोपहर को खाना मिलने से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ेगा और उनकी रुचि पढ़ाई में बढ़ेगी।