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एसईसीएल कुसमुंडा के नियोजित ठेका कंपनियों में बाहरी लोगों को काम पर रखे जाने का विरोध, खदान प्रभावित गांवों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की हुई मांग

कोरबा(कोरबा वाणी) – एसईसीएल कुसमुंडा के जीएम कार्यालय के सामने छत्तीसगढ़ किसान सभा के बैनर तले खदान प्रभावित गांवों के भूविस्थापितों ने माइंस में नियोजित ठेका कंपनियों में बाहरी लोगों को काम पर रखे जाने का विरोध जताया। भूविस्थापितों ने मांग की है कि खदान प्रभावित गांवों के बेरोजगार युवाओं को ठेका कंपनियों में रोजगार मिले।
कोयले के उत्पादन में एसईसीएल कुसमुंडा ठेका कंपनियों को भी काम दे रखा है। ओवरबर्डन से लेकर कई काम ठेके पर होते हैं। शनिवार को ठेका कंपनियों में खदान प्रभावित गांवों के बेरोजगार युवाओं को काम रखने की मांग हुई। किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कवर, ब्रांच अध्यक्ष जय कौशिक, संयुक्त सचिव दीपक साहू ने बताया कि घटते क्रम में सूची जारी कर एसईसीएल में रोजगार देने के प्रावधान से कई छोटे खातेदारों को कंपनी में रोजगार नहीं मिल पाता है। दूसरी ओर खदान में उनकी जमीन चली जाने से गुजर-बसर में परेशानी होती है। कोयला उत्पादन में एसईसीएल कुसमुंडा कई ठेका कंपनियों का सहयोग ले रही है, जिसमें आउटसोर्सिंग से बाहरी लोगों को काम पर रखा गया है। उनकी मांग है कि ड्राइवर, हेल्पर, सुपरवाइजर व अन्य पदों पर योग्यतानुसार खदान प्रभावित गांवों के बेरोजगार युवाओं को काम पर लिया जाए। कंपनी सार्वजनिक बोर्ड लगाकर काम पर रखे भूविस्थापितों की जानकारी दे। उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर 18 मई को कुसमुंंडा कार्यालय का घेराव करेंगे। इसके बाद 25 मई को खदान के आउटसोर्सिंग कार्य को बंद कराया जाएगा।