स्वच्छता शुल्क को संपत्ति कर में जोड़ कर लेना गलत है- हितानंद
कोरबा(कोरबा वाणी)-कोरबा की जनता यूजर चार्जेस (स्वच्छता शुल्क) को लेकर काफी परेशान है। क्योंकि नगर निगम द्वारा संपत्ति कर में यूजर चार्जेस (स्वच्छता शुल्क) को जोड़कर लिया जा रहा है।नगर पालिक निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने यूजर चार्जेस (स्वच्छता शुल्क) को लेकर आयुक्त महोदय, जिलाधीश महोदय एवं मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने लिखा कि “नगर पालिक निगम क्षेत्र की जनता संपत्ति कर पटाने में असमर्थता महसूस कर रही हैं। कारण यह है कि निगम द्वारा यूजर चार्जेस (स्वच्छता शुल्क) को संपत्ति कर के साथ जोड़ कर लिया जा रहा है। यूजर चार्ज एक ऐसा कॉलम बन गया है जो संपत्ति कर में अनिवार्य रूप से अपने आप जुड़ रहा है। चाहे किसी परिवार ने, किसी प्रतिष्ठान ने उस सेवा का लाभ लिया हो या ना लिया हो। ऐसी ही कई विसंगतियां यूजर चार्ज के विषय में आ रही है। यूजर चार्ज की राशि संपत्ति कर में जुड़ने से संपत्ति कर की राशि अत्यधिक हो जाती है। जिसके चलते आम जनता संपत्ति कर समय पर अदा नहीं कर पा रही है एवं संपत्ति कर में मिलने वाली छूट का लाभ भी नहीं ले पा रही है। छत्तीसगढ़ के अन्य नगर निगम में इस प्रकार की विसंगतियां नहीं है। यूजर चार्जेस को संपत्ति कर के साथ नहीं जोड़ा जाता। निवेदन है कि संपत्ति कर एवं यूजर चार्जेज को अलग-अलग लिया जाए। संपत्ति कर में यूजर् चार्जेस ना जोड़ा जाए।
कोरोना काल के समय में लोगों का रोजगार जाता रहा, व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, लोगों का बाहर निकलना बंद रहा। ऐसे समय में कोई कचरा लेने नहीं आया, जनता को इस सेवा का लाभ नहीं मिला। फिर भी संपत्ति कर में एक साथ सारा का सारा यूजर चार्जेस जुड़कर आया। इतनी मात्रा में राशि का भुगतान कैसे संभव है। कोरोना काल के समय के यूजर चार्जेस को संपत्ति कर में जोड़ना एवं उसे लेना जनता को प्रताड़ित करने जैसा है।
उन्होंने निवेदन किया कि पूर्व के समय का यूजर चार्जेस माफ किया जाए एवं संपत्ति कर में यूजर चार्जेस जोड़कर न दिया जाए। दोनों को अलग-अलग किया जाए। जिससे जनता को अपना संपत्ति कर पटाने में असुविधा ना हो।