नापतोल निरीक्षक नेहा साहू बिना जाँच के करती है टैंक लॉरी का सत्यापन, उनके करतूत को उजागर करने वाले पत्रकार को कहा दलाल तथा अभद्र टिप्पणी का प्रयोग करते हुए एफ.आई.आर करने की दी धमकी
कोरबा(कोरबावाणी) – कोरबा जिले अंतर्गत गोपालपुर डिपो नियमतः टैंक लारी का सत्यापन आईओसीएल के डिपो गोपालपुर में होना चाहिए जबकि बिना जांच किए नापतोल निरीक्षक नेहा साहू के द्वारा टैंक लॉरी के डीप रॉड को मंगा कर ऑफिस में ही बैठे-बैठे सील लगा देती है। अपने कार्यों एवं कर्तव्यों को निष्ठा पूर्वक पालन न करते हुए डिपो में ना जाकर नापतोल कार्यालय में सरकारी कागजातों एवं सील का खानापूर्ति करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिला कोरबा नापतोल कार्यालय के अंदर नेहा साहू के द्वारा सील ड्राइवर से लगवाते हुए तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है।
टैंक लॉरी के कैलीब्रेशन के समय निरीक्षक के अनुपस्थित रहने से टैंक लॉरी के कैलिब्रेशन सही तरीके से हो पाने तथा पेट्रोल पंप तक सही मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थ के पहुंचने और बाद में ग्राहकों तक सही मात्रा में वितरण होने पर भी प्रश्न चिन्ह लग जाता है। इस प्रकार डिपो में नियम कायदों को ताक पर रखते हुए कैलिब्रेशन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है ओ निरीक्षक के द्वारा जहां चाहे बुलाकर डीप रॉड में सील लगाया जा रहा है जो कि सर्वथा अनुचित है। खबर मिली है कि जिले के सबसे बड़े पेट्रोलियम ट्रांसपोर्टर के परिसर में ही निरीक्षक के द्वारा सभी टैंक लॉरी के डीप रॉड को मंगा कर सील लगाने का काम किया जा रहा था परंतु ट्रांसपोर्टरों से कुछ दिन पूर्व हुए विवाद के कारण दो-तीन दिन से ऑफिस में बुलाकर सील लगाया जा रहा है।
इसी प्रकार अपने नापतोल कार्यालय में आने जाने का कोई समय तय नहीं है निर्धारित समय पर कार्य न करते हुए ऑफिस में कभी भी आ जाती है और मनमाने तरीके से कभी की चली जाती है।
पत्रकार के द्वारा पूछे जाने पर कर्मचारी ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि मैडम तो रोज दोपहर में ही आती है और कुछ देर रुक कर चली जाती है। हमारे द्वारा जानकारी लेने हेतु सत्यापन कराने के लिए डिप रॉड लेकर आए हुए लोगों से पूछे जाने पर पता चला कि डिपो में कैलिब्रेशन दो-तीन दिन पहले हो गया था लेकिन मैडम के डिपो न आने के चलते मजबूरन ऑफिस में सील लगवाने आए हैं। स्पष्ट है की टैंक लॉरी के डीप रॉड में सील लगाने का काम डिपो में होना चाहिए परंतु डिपो में न कर ऑफिस में किया जा रहा है ।
पड़ताल करने पर यह भी पता चला है कि नापतोल निरीक्षक डिपो में डीप रॉड में सील ना लगाते हुए उसके लिए दरी के पेट्रोल पंप में ठिकाना बनाई है, जहां सभी टैंक लॉरी के ड्राइवर–हेल्पर डीप रोड को लेकर सील लगाने के लिए आते हैं, एक टैंकर चालक ने बताया कि प्रति टैंक लॉरी सत्यापन 4500 रुपए की रिश्वत मांगी जाती रही है और काम जल्दी हो इसके लिए मजबूरन देना पड़ता है फिर भी घुमाया जाता है की घर आके सील लगवाओ, पेट्रोल पंप में आके लगाओ या ऑफिस में। इसी प्रकार कर्मचारियों की मौजूदगी में उनकी गुहार को अनदेखा करते हुए गरीब कर्मचारियों की एक भी बात नहीं सुनी जाती है।
बता दें कि उच्च अधिकारियों तक शिकायत करने के बावजूद नेहा साहू के द्वारा आए दिन अपने कर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ बदसलूकी की जाती है, मंत्री नेताओं से पहचान बताते हुए कुछ नहीं बिगाड़ पाने की धमकी दी जाती है जिसके चलते उनका मनोबल बढ़ा हुआ है इसी प्रकार हमारे टीम द्वारा नापतोल कार्यालय में जानकारी लेने एवं पड़ताल करने के दौरान नेहा साहू का कहना है कि मैं एक महिला अधिकारी हूं आपके द्वारा जानकारी लेने के नाम पर हमें बेवजह परेशान किया जा रहा है इसी प्रकार जिला कोरबा के समस्त पत्रकारों (चौथा स्तंभ) को दलाल नाम से नेहा साहू के द्वारा नवाजा गया । यहां तक थाना कोर्ट कचहरी का धमकी देते हुए फर्जी रिपोर्ट (एफ आई आर) करने की धमकी दी गई ।
सहायक नियंत्रक श्री देवांगन से उनके फोन पर चर्चा करने पर उन्होंने भी निरीक्षक नेहा साहू के इस बयान की निंदा की है और व्यवहार को अनुचित करार देते हुए कहा कि डिपो जाए बिना और कैलीब्रेशन के समय उपस्थित रहे बिना सील लगाना गलत है।
जिला कोरबा कलेक्टर कार्यालय के पीछे नापतोल कार्यालय है ऐसे में जिला दंडाधिकारी के परिसर में बैठे महिला नापतौल निरीक्षक अगर देश के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने का प्रयास करते हुए दलाल कहकर अभद्र टिप्पणी एवम् शब्दों की मर्यादा को ताक में रखते हुए ऐसी अनियमितता बरतती हैं तो हम अपनी जिम्मेदारी समझते हुए उक्त निरीक्षक की हर कारगुजारी को जिला प्रशासन एवम् उच्चाधिकारियों के समक्ष लाते रहेंगे। विभाग या जिला प्रशासन संबंधित निरीक्षक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं करता है तो निश्चित तौर पर आज नहीं तो कल विभाग और जिले की बदनामी तो तय है।