भूविस्थापित बलिदानी दिवस की 25 वीं बरसी पर कार्यक्रम आयोजित, तिरंगा रैली के साथ जुटें हजारों भूविस्थापित और आमजन
कोरबा(कोरबा वाणी)-जिले के ग्राम नराइबोध गोलीकांड की 25 वी बरसी के मौके पर शुक्रवार को ग्राम नराईबोध में बलिदानी दिवस का आयोजन किया गया. जिसमे जिले भर से हजारों की संख्या में लोग शामिल हुवे.
कार्यक्रम के आरम्भ में तिरंगा रैली निकाली गयी. रैली के पश्चात् मंचीय कार्यक्रम के तहत लोक संस्कृति एवं देशभक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी.
आयोजित कार्यक्रम में गोलीकांड में शहीद गोपाल दास और फिरतू दास को श्रद्धांजलि देते हुए इस क्षेत्र में विस्थापन से प्रभावित लोगों के लिए रोजगार और बसाहट के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प व्यक्त किया गया साथ ही घटना में दमन के शिकार हुए परिवार को विशेष रूप से सम्मानित किया गया साथ ही विस्थापन के मुद्दे पर किसानों के अधिकार की लड़ाई पर योगदान देने वाले लोंगो, भूविस्थापित परिवारों के मेधावी बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया.
गौरतलब है की 11अगस्त 1997 को एसईसीएल कुसमुंडा खदान की लक्ष्मण परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का ग्रामीणों द्वारा शांति पूर्ण विरोध किया जा रहा था। इस विरोध को कुचलने के लिए एसईसीएल प्रबंधन के इशारे पर प्रशासन द्वारा निहत्थे ग्रामीणों पर गोलियां चलाई गई थी, जिसमें गोपाल दास और फिरतू दास नामक दो भूविस्थापित शहीद हो गए थे और दर्जनों घायल हो गए थे। इस गोलीकांड के बाद दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने के बजाय निर्दोष 29 ग्रामीणों के खिलाफ ही कार्यवाही की गई थी। गोलीकांड का यह स्थल अब गेवरा खदान क्षेत्र के अंदर पड़ता है।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने बताया की कटघोरा विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम नराइबोध में वर्ष 1997 में जबरिया भूअर्जन को रोकने और किसानों के रोजगार, मुआवजा, पुनर्वास व व्यवस्थापन की मौलिक अधिकार की मांग किया गया था । दमनात्मक कार्यवाही के दौरान 11 अगस्त को गोपाल दास और फिरतु दास पुलिस की गोली से घटना स्थल पर ही मौत हो गयी थी जबकि और भी कई लोग गोली और डंडों से घायल हो गए थे। इस घटना को 25 साल पूरा हो रहा है जिसे भूविस्थापित बलिदानी दिवस के रूप मनाने का निर्णय लिया.
सपूरण कुलदीप ने इसमें SECL के साथ-साथ राज्य और केंद्र सरकार को निशाने पर लेते कहा की जनता विरोधी सरकार की गलत नीतियों के चलते दोषियों को सजा नहीं दी गयी बल्कि बेगुनाह किसानों को ही दोषी बनाया गया.
जनता से जुड़े मुद्दे और गोलीकांड की बरसी में आयोजित इस कार्यक्रम में SECL के जीएम सहित कोरबा सांसद, जिले के चारों विधानसभा के विधायक जिसमे राजस्व मंत्री भी शामिल है, प्रशासन के अधिकारीयों सहित जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था लेकिन किसी ने कार्यक्रम में आना मुनासिब नहीं समझा. केवल कटघोरा विधानसभा के विधायक पुरुषोत्तम कँवर कार्यक्रम में पहुंचे लेकिन उन्होंने भी बलिदानी किसानों को नमन किया और कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे गौरवयात्रा में शिरकत करने की बात कर चले गए. इसको लेकर धोबी छात्र संगठन के अध्यक्ष पूरण कुलदीप ने कहा है कि जनप्रतिनिधि और शासन प्रशासन में बैठे लोग जनता से जुड़े मुद्दे का सामना करने से डरते हैं, ऐसे जनप्रतिनिधियों का निंदा प्रस्ताव पारित किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो उनके घर के आगे प्रदर्शन भी किया जाएगा.