चोरी की बिजली से रोशन हो रहे गणेश पंडाल विद्युत टीमों की छापेमारी का नहीं दिख रहा असर
कोरबा(कोरबा वाणी)-भले ही गणेश पंडालों में जल रही चोरी की बिजली पकडऩे के लिए विद्युत टीमों द्वारा छापेमारी की जा रही हो लेकिन हकीकत यह है कि इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। स्थिति यह है कि शहर के विभिन्न इलाकों में सजे करीब 80 फीसदी गणेश पंडालों में चोरी की बिजली ही जल रही है।
हिदायत दिए जाने के बाद भी आयोजनकर्ता अस्थाई कनेक्शन लेने नहीं आ रहे हैं। जिससे बिजली कंपनी के अधिकारी खासे परेशान हैं और नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गए हैं। शहर में तकरीबन दर्जनों पंडाल सजे हुए हैं। पंडालों में बिजली का इतना भार है कि एक गांव जगमग हो जाए। इसकी वजह से विद्युत टीमों ने चेकिंग अभियान और तेज कर दिया है। आयोजन समिति के लोग कनेक्शन लेने नहीं आ रहे हैं और खुलेआम हुकिंग डालकर चोरी की बिजली से पंडाल को जगमग कर रहे हैं। सभी आयोजनकर्ताओं को पहले ही हिदायत दी जा चुकी है लेकिन कोई भी आयोजनकर्ता अभी सामने नहीं आए हैं। अब कहीं भी अवैध कनेक्शन मिला तो तत्काल बिजली चोरी का प्रकरण दर्ज होगा।
गौरतलब है की कोरोना की वजह से पिछले दो साल से गणेशोत्सव फीका रहा। वर्ष 2020 में पंडाल नहीं सजे थे और न ही कोई सार्वजनिक आयोजन हुए थे। लोगों ने घरों में ही मूर्तियों का विसर्जन किया था। साल 2021 में भी पंडाल तो सजे, लेकिन कई प्रतिबंध लागू रहे थे। इस बार कोरोना का संक्रमण कम है। इसलिए जिला प्रशासन ने रोक-टोक को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है।लेकिन विद्युत् विभाग द्वारा पंडाल और झांकियों में बिजली का अस्थायी कनेक्शन लेना जरूरी किया गया है। वहीं, लायसेंसी विद्युत ठेकेदार की टेस्ट रिपोर्ट जरूरी की गई। जिन पंडालों में कनेक्शन नहीं लिए गए, उनकी बिजली कंपनी के अफसर जांच करेंगे। यदि सीधे तार डालकर बिजली जलाते हुए पाई गई तो संबंधित समिति पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।
पिछली बार ये थी गाइडलाइन
प्रतिमाओं की ऊंचाई 6 फीट से कम रहेगी, सार्वजनिक रूप से पंडाल लगाने की शर्तें लागू की गयी थी, डीजे आदि के बजाने की अनुमति नहीं थी, धार्मिक जुलूस पर प्रतिबंध लगाया गया था, पंडाल-झांकियों की जांच अफसर करेंगे.