हाथी प्रभावित क्षेत्र की महिलाओं ने कहा- गांव में घुसकर हाथी के दल मचा रहे उत्पात, रोकने ठोस उपाय किया जाए
कोरबा(कोरबा वाणी)-हाथी-मानव द्वंद रोकना वन विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है। ऐसा नहीं है कि इसे लेकर कोई योजना नहीं बनी हो, लेकिन जमीनी स्तर पर अब तक कोई भी योजना सफल नहीं होने से प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण हाथियों के उत्पात से परेशान हैं। इसी तरह की परेशानी से जूझ रहे कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज के जल्के तेंदूटिकरा, लैंगी, पनगवां, केन्दई, कुम्हारी दर्री समेत आसपास गांवों के ग्रामीण दर्जनभर से अधिक महिलाओं के साथ हाथियों से सुरक्षा की गुहार लगाने कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचे थे। मीडिया से चर्चा के दौरान महिलाओं ने बताया कि हाथियों का उत्पात दहशत का पर्याय बन चुका है। इसे रोकने कोई ठोस उपाय नहीं किए जाने से जान-माल की चिंता बनी रहती है। गांव में घुसकर हाथी के दल उत्पात मचा रहे हैं। जान बचाने बीते 7 दिनों से वे शासकीय भवन या आवास में ठहर रहे हैं। हाथी धान की फसल, बाड़ी में लगी सब्जियां चौपट कर रहे हैं। इससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। वन विभाग की ओर से नुकसान होने पर दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की राशि मिलने में भी देरी होती है। पसान रेंज के हाथी प्रभावित कई गांवों में स्ट्रीट लाईट भी नहीं लगी है। इससे शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है। इससे रात में हाथियों के गांव में घुसने की जानकारी नहीं मिल पाती है और कई बार हाथी से सामना हो जाता है। हाथियों से जानमाल की सुरक्षा के लिए गांव की गली को स्ट्रीट लाइट से रौशन करने और पक्का मकान बनाकर देने की मांग हुई है।