कोरबा न्यूज़

नगरीय निकायों में भाड़ा नियंत्रण एक्ट का मिलेगा लाभ: भू-स्वामी व किराएदार अपने-अपने हक को रख सकेंगे सुरक्षित

रायपुर(कोरबा वाणी)-भू-स्वामी व किराएदार के बीच विवाद को सुलझाने राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। नगरीय निकायों में अब छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम-2011 का लाभ नगरीय निकायों में मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप आवास व पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर की पहल पर जनहित के मद्देनजर राज्य शासन की ओर से लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय से भू-स्वामी और किरायेदार को अब बड़ी राहत मिलेगी और वे अपने-अपने हक को सुरक्षित रख सकेंगे।
इसकी अधिसूचना आवास एवं पर्यावरण विभाग ने 6 सितंबर को छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दी है। राज्य सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम के तहत नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों में प्रत्येक जिले के जो उप जिलाधीश के निम्न श्रेणी का न हो, भाड़ा नियंत्रण के रूप में नियुक्त करता है तथा उनका कार्यक्षेत्र कलेक्टर द्वारा विनिर्दिष्ट रहेगा। यह अधिनियम राज्य शासन की ओर से बनाया गया हैं। यहां बताना होगा कि यह अधिनियम दो हिस्सों में बट गया था। पहला की यह अधिनियम 2011 में लागू होते ही नगर-निगम में लागू हो गया। लेकिन राज्य की छोटी जगहों जैसे- राज्य के नगर पालिका, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत के लिए राज्य शासन की ओर से कोई अधिसूचना राजपत्र में नहीं होने से वहां के नागरिकों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही वे अपनी जगह और हक के लिए निरंतर परेशान हो रहे थे। इसी के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से इसे अब नगर निगम की तरह नगर पालिका, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत में भी लागू करने की अधिसूचना प्रकाशित कर दी है।