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छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों के स्पर्धाओं में प्रतिभा दिखाने महिलाएं भी पीछे नहीं, बढ़-चढक़र ले रहीं हिस्सा ,बुड़बुड़ पाली के स्कूल खेल मैदान में संपन्न हुआ राजीव युवा मितान क्लब स्तरीय छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक

कोरबा(कोरबा वाणी)-छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों के स्पर्धाओं में प्रतिभा दिखाने महिलाएं भी पीछे नहीं है। 14 प्रकार के पारंपरिक खेलों में बढ़-चढक़र हिस्सा ले रही हैं। पाली के बुड़बुड़ के स्कूल खेल मैदान में दो दिनी राजीव युवा मितान क्लब स्तरीय छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक संपन्न कराया गया है। मुख्य अतिथि सरपंच हरेली बिंझवार ने बुड़बुड़ में छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का शुभारंभ किया।


छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल गिल्ली डंडा, कबड्डी, लंगड़ी दौड़, पि_ुल, रस्साकसी, फुगड़ी, भौंरा, खो-खो समेत 14 प्रकार के पारंपरिक खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने राज्य शासन ने छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक की शुरूआत की है। कभी गांव के गली-मोहल्ले तक ही सीमित रहने वाले प्रदेश के ये पारंपरिक खेल प्रदेश सरकार के प्रयासों से अब राज्य स्तर पर पहचान बनायी है। इन खेलों के प्रति लोगों का रूझान भी बढ़ा है। महिलाएं भी बढ़-चढक़र स्पर्धाओं में भाग ले रही हैं। बुड़बुड़ में अतिथियों ने राजीव गांधी के तैल चित्र पर माल्यार्पण के बाद खेल मैदान में पूजा कर कार्यक्रम की शुरूआत की। विशिष्ट अतिथि जीत बिंझवार, पूनम बैसवाड़े, नंदू यादव, रामप्रसाद निषाद, अशोक कुमार नायक, साहस राम, राजकुमार यादव, मनराखन मनहरन लाल, शनिदास ोनवानी, आंसू लाल, किताब सिंह, रामकुमार नायक, उर्मिला बाई, जोहित रहे। अंतिम दिन विभिन्न स्पर्धाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। बच्चों से लेकर युवाओं व बुजुर्गों ने पारंपरिक खेलों के स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।