सियासत

नामांकन फार्म लेने सिक्के लेकर पहुंचे प्रत्याशी को लौटना पड़ा बैरंग, रिटर्निंग ऑफिसर ने सिक्के को लेने से किया इंकार

कोरबा (कोरबा वाणी) – कोरबा विधानसभा चुनाव में जोर आजमाइश को लेकर सभी राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशी एवम निर्दलीय प्रत्याशी अपना नामांकन फार्म खरीदकर और दाखिल कर चुनावी मैदान में उतर रही हैं, उन्ही में से एक निर्दलीय प्रत्याशी गणेश दास महंत हैं जिनका नामांकन फॉर्म लेने जाना चर्चा का विषय बना हुआ है।

दरअसल कलेक्टर कार्यालय पहुंचे तुलसी नगर निवासी निर्दलीय प्रत्याशी गणेश दास महंत नामांकन फार्म के लिए दस हजार के सिक्के लेकर पहुंचा था। 3 बोरी में एकत्र किए गए सिक्के 1, 2, 5 और 10 रुपए के थे। इतने सारे सिक्के देखकर निर्वाचन अधिकारियों की आंखे खुली की खुली रह गई। हालांकि रिटर्निंग अधिकारी ने निर्वाचन नियमावली का हवाला देते केवल एक हजार तक ही सिक्के जमा करने की बात कहते बाकी नौ हजार नोट के रूप में देने की बात कही और शेष सिक्के लेने से इंकार कर दिया। सिक्के के अलावा नामांकन फार्म खरीदने के लिए पर्याप्त राशि नही होने की वजह से गणेश दास महंत को मायूसी हाथ लगी और बिना फॉर्म खरीदे वापस लौटना पड़ा।

मीडिया से चर्चा करते गणेश दास ने कहा की वे परिवहन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष है और उनके संघ के ड्राइवर साथियों ने उन्हें सलाह दी थी एक गरीब जैसे गुल्लक में अपनी गाढ़ी कमाई इकट्ठा करता है उसी तरह सिक्के जमा कर नामांकन फार्म लेंगे जिसके लिए 4 साल से सिक्के जमा किया जा रहा था लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने सिक्के लेने से मना कर दिया।

इस दौरान गणेश दास ने प्रशासनिक विभाग पर नाराजगी जताते आपत्ति जताई है की जब एक हजार चल सकता है तो 9 हजार क्यों नहीं।

गौरतलब है की जब दतिया और बिलासपुर में सिक्के लेकर नामांकन फार्म दिया गया तो केवल कोरबा में ही सिक्के लेने से क्यों मना किया गया? क्या निर्वाचन आयोग द्वारा अलग अलग जिलों के लिए अलग अलग नियम बनाया गया है या रिटर्निंग अधिकारी अपनी सहूलियत के अनुसार नियम बना रहे हैं।