कटघोरा

कटघोरा नगर पालिका में बीजेपी का अविश्वास प्रस्ताव खारिज, अध्यक्ष रतन मित्तल ने जीता एक बार फिर पार्षदों का विश्वास

कोरबा (कोरबा वाणी) – छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद अब नगरीय निकायों में भी सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट चल रही है। कोरबा नगर पालिक निगम में जहां कांग्रेसी महापौर के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव कलेक्टर को सौंपकर बीजेपी पार्षदों ने आविश्वर प्रस्ताव के लिए समय निर्धारण की मांग की है तो वहीं जिले के कटघोरा नगर पालिका में बीजेपी पार्षदों द्वारा अध्यक्ष रतन मित्तल के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को वोटिंग हुई। वोटिंग में अविश्वास के लिए जरूरी दो तिहाई वोट नही पाने की वजह से बीजेपी पार्षदों का अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। भारी गहमा गहमी के बीच हुवे अविश्वास प्रस्ताव को कांग्रेस समर्थित नगर पालिका अध्यक्ष रतन मित्तल ने बचा लिया जिससे उनका अध्यक्ष पद बरकरार रहा। अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने से कटघोरा के कांग्रेसियों में खुशी का माहौल देखा गया। अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने से बीजेपी पार्षदों को निराशा हाथ लगी है. वहीं कांग्रेस की फिर से नपा अध्यक्ष बनने पर कांग्रेस पार्षदों ने पटाखे फोड़े और मिठाई बांटकर जीत की खुशी मनाई. कांग्रेसियों ने निर्वाचित अध्यक्ष मित्तल को बधाई भी दी.

दरअसल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही नगरीय निकायों के कांग्रेस समर्थित मेयर और अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का दौर शुरू हो गया। इसी कड़ी में कटघोरा नगर पालिका में भी कांग्रेसी अध्यक्ष रतन मित्तल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। शुक्रवार को दोपहर 12 बजे कटघोरा नगर पालिका भवन में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवाई गई। अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग कराने जिला प्रशासन की ओर से पीठासीन अधिकारी के रूप में अपर कलेक्टर दिनेश कुमार नाग को भेजा गया था। 15 पार्षदों की संख्या वाले नगर पालिका में वोटिंग के दौरान 1 पार्षद अनुपस्थित रहा जबकि 2 पार्षदों को देरी से आने की वजह से उन्हें अविश्वास प्रस्ताव में शामिल होने नही दिया गया। अब बचे 12 पार्षदों में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के लिए जरूरी दो तिहाई वोट के लिए 8 मत होने चाहिए थे लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में केवल 7 पार्षद ने ही वोट किया जबकि अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में पांच पार्षदों ने वोटिंग किया है। जिससे अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया।

जीत के बाद अध्यक्ष रतन मित्तल ने कहा, यह जनता की जीत है. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ, लेकिन बीजेपी अपना अविश्वास प्रस्ताव पारित नहीं करा पाई।