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फिर बेवफा हुई पत्नी, पति से तलाक लिए बगैर गैर मर्द से संबंध, जा सकती है शिक्षिका की नौकरी

कोरबा (कोरबा वाणी) – पत्नी चाहे तो दुःखी घर परिवार को स्वर्ग बना सकती हैं, नही तो हँसते खेलते परिवार को नर्क भी बना सकती हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं की कोरबा जिले की एक पत्नी ने एक ऐसा कृत्य किया है जिसने अपने हँसते खेलते परिवार को तहस नहस कर दिया। जिले की ग्राम तिलकेजा की रहने वाली दो बच्चियों की माँ शिक्षिका लुलेश्वरी कश्यप ने गैर मर्द से विवाहेत्तर संबंध रखा और उससे एक बच्चा भी जना। जब पति शांति कुमार कश्यप ने नाजायज संबंधों पर ऐतराज जताया तो पत्नी पति से अलग रहने लगी और पति द्वारा उसके नाम पर खरीदी की गयी प्रॉपर्टी को अपना बताकर तंग करने लगी साथ ही आत्महत्या कर पति को फंसाने की धमकी भी देने लगी। घर परिवार की इज़्ज़त की खातिर पति चुप रहा लेकिन जब उसके सब्र का बांध टूट गया तो उसने अपनी माँ से छग राज्य महिला आयोग मे फरियाद लगवाया। बुधवार 18 जून को कोरबा के कलेक्ट्रेट सभागार में हुए जनसुनवाई मे पति ने पत्नी की सारी करतुत बयाँ की साथ ही पत्नी द्वारा नाजायज संबंध से जने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र भी आयोग को दिखाया जिसमे बच्चे के पिता के नाम मे पत्नी के प्रेमी का नाम दर्ज है। पत्नी की बेवफाई सामने आने के बाद महिला आयोग ने पति के पक्ष मे फैसला सुनाते बेवफा पत्नी को फटकार लगाई है की पति को धमकाना छोड़ दे, पति की प्रॉपर्टी पे दावा करना छोड़ दे नही तो विवाहेत्तर संबंध रखने और गैर मर्द से नाजायज बच्चे को जन्म देने के जुर्म मे शासकीय नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।

दरअसल 14 साल पहले जांजगीर जिला निवासी शांतिकुमार कश्यप की शादी कोरबा जिले के ग्राम तिलकेजा निवासी लूलेश्वरी बाई से हुआ था। उत्तरप्रदेश के बरेली में जिस तरह पति आलोक ने मेहनत करके पत्नी ज्योति मौर्य को पढ़ाया और SDM बनाया था। कुछ इसी तरह विवाह के बाद कठिन परिश्रम कर पति शांति कुमार कश्यप ने पत्नी को शासकीय शिक्षिका वर्ग -3 बनाने मे मदद किया और उसके नाम से एक जमीन खरीदा। इस दौरान दोनों के 2 बच्चे भी हो गए। लेकिन SDM बनने के बाद जिस तरह पत्नी ज्योति मौर्य बेवफा हो गई और उसका विवाहेत्तर संबंध बन गया ठीक उसी तरह शासकीय शिक्षिका बनने के बाद पत्नी लूलेश्वरी भी अपने पति शांतिकुमार कश्यप से बेवफाई पर उतर आई और शांति लाल साहू नामक शादी शुदा मर्द के प्यार मे गिर गयी। जब पति शांति कुमार कश्यप को इस बारे में पता चला तो पति ने पत्नी से जवाब तलब किया। तब पत्नी ने अपने बचाव मे अपने ही प्रेमी को बलात्कर के केस मे फंसा दिया जिसे प्रेमी को जेल हो गया। प्रेमी के जेल जाने के बाद भी शिक्षिका पत्नी अपने प्रेमी से जेल मिलने जाती रही। कुछ दिनों मे प्रेमी छुट गया और दोनों की रासलीला दोबारा शुरू हो गयी। पति ने फिर से विरोध किया तो पत्नी आये दिन पति से झगडा करने लगी।

बेवफा पत्नी की आशिकी इस क़दर बढ़ चुकी थी की सन 2021 में उसने पति से अलग रहने का फैसला कर ली और अपने 2 बच्चियों के साथ अलग किराए के मकान में रहने लग गई, इस दौरान वह लगातार अपने प्रेमी के संपर्क मे रही और प्रेग्नेंट हो गयी। प्रेग्नेंट होने की दशा मे बेवफा पत्नी का षणयंत्र देखिये वह जबरन अपने पति के घर जाती ताकि समाज और क़ानून बच्चे को नाजायज न समझे। लेकिन झूठ लाख पर्दों मे छुप नही सकता, सच सामने आ ही जाता है। पति से अलग रहते हुए जब 2023 में बेवफा पत्नी ने कोरबा के निजी अस्पताल मे एक बच्चे को जन्म दिया। इसी समय उसने और उसके प्रेमी ने एक गलती कर दी। पति और प्रेमी का हमनाम होने का फ़ायदा उठाने के चक्कर मे दोनों ने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र मे अपना नाम वही लिखवाया जो उनका वास्तवीक नाम था लेकिन सरनेम मे कश्यप की जगह साहू लिखवाया।

पति को जब पत्नी के तीसरे बच्चे होने की जानकारी मिली तो उसने CMHO के समक्ष बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए RTI लगाई। RTI के तहत जुटाए दस्तावेजों से पत्नी की बदचलनी के सबूत अब शांति कुमार कश्यप के हाथों मे था। जिसके बाद शांति कुमार कश्यप शांत नहीं बैठे। उन्होंने अपनी मां के नाम से छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में पत्नी के खिलाफ फरियाद दर्ज करवाया और 18 जून को हुए सुनवाई में उन्होंने सारे दस्तावेज और पत्नी व उसके प्रेमी के साथ मे घूमने और साथ मे बिताए पलों के सारे फोटोग्राफ सामने रख दिया।

पत्नी की बेवफाई के सारे सबूत मौजूद थे बावजूद वह सुनवाई में आयोग को गुमराह करती हुई नजर आई लेकिन महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने तीसरे बच्चें के संबंध में और विवाद के कारण को स्पष्ट करने के लिए DNA टेस्ट कराने कहा तो पहले तो मान गई लेकिन जब आयोग के सदस्यों ने कहा कि यदि डीएनए टेस्ट में बच्चे का पिता कोई और निकला तो तुम्हारी सरकारी नौकरी जा सकती है तब शासकीय सेवा से हाथ धो बैठने के डर से बेवफा पत्नी DNA टेस्ट के लिए पीछे हट गई और मौन स्वीकृति देते हुए अपना गुनाह क़बूल कर लिया। सच सामने आने के बाद महिला आयोग ने पति के पक्ष मे फैसला सुनाया है और उसकी मां आवेदिका मालती बाई को महिला आयोग की लिखित कॉपी सौंपकर मामले को नस्तीबद्ध कर दिया है। महिला आयोग से प्राप्त आदेश की कॉपी के अनुसार पति चाहे तो वह पत्नी से समझौता करके अपनी जमीन अपने नाम करवा सकता है और चाहे तो प्रकरण दर्ज कर पत्नी पर कार्रवाई करवा कर सिविल सेवा के पद के नौकरी से भी हटवा सकता है.

इस पेंचीदा मामलें को देखते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष ने भी कहा कि अपने 5 साल के कार्यकाल में उन्होंने ऐसा पहला मामला पहली बार देखा है.

फिलहाल न्याय पाकर शांति कुमार कश्यप खुश नजर आया और महिला आयोग को धन्यवाद प्रेषित किया।