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एसईसीएल प्रबंधन के साथ हुई सकारात्मक वार्ता- 25 मई को कुसमुंडा खदान बंद आंदोलन स्थगित: किसान सभा,आऊट सोर्सिंग कंपनियों में मिलेगा भू विस्थापित एवं प्रभावित गांव के बेरोजगारों को काम

कुसमुंडा/कोरबा(कोरबा वाणी)- किसान सभा द्वारा आऊट सोर्सिंग कंपनियों में भू विस्थापित एवं प्रभावित गांव के बेरोजगारों को काम देने की मांग को लेकर 25 मई को खदान बंद करने की घोषणा की थी आंदोलन से पहले एसईसीएल प्रबंधन ने पहलकदमी करते हुऐ किसान सभा को वार्ता के लिए बुलाया किसान सभा और एसईसीएल के मध्य सकारात्मक चर्चा के बाद किसान सभा ने 25 मई को आहूत खदान बंद आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की है। बैठक में एसईसीएल कि ओर से आर.पी. दूबे, आर.के.वधावन,वीरेन्द्र कुमार, ए डी टंडन और किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल की ओर से जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा,दीपक साहू, जय कौशिक, दामोदर, रेशम,बलराम,अनील, ठकराल उपस्थित थे।
किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,और जय कौशिक ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में कहा कि एसईसीएल के खदानों में कई आऊट सोर्सिंग कंपनी कार्य कर रही है जिसमें प्रभावित गांव के भूविस्थापितों और बेरोजगारों को रोजगार देने की प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। जिसपर एसईसीएल के एपीएम सदर मलिक ने कहा कि जो भी कार्य खदान के अंदर जो भी रोजगार होगा उसमें पहली प्राथमिकता खदान से प्रभावित गांव के बेरोजगारों को ही दिया जाएगा।
किसान सभा लगातार सभी खदानों में प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग कर रही है। 18 मई को कुसमुंडा मुख्यालय का घेराव प्रदर्शन करने के बाद 25 मई को खदान बंद करने की घोषणा की थी लेकिन खदान बंदी आंदोलन से पहले बैठक कर एसईसीएल ने किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि खदान के अंदर सभी कार्यों में प्रभावित गांव के बेरोजगारों को ही रोजगार दिया जाएगा बैठक में सकारात्मक चर्चा के बाद किसान सभा ने 25 मई की खदान बंद आंदोलन को स्थगित करते हुए प्रबंधन को चेतावनी भी दी कि अगर बेरोजगारों को रोजगार देने के आश्वासन पर पहल होता नहीं दिखा तो आगे उग्र आंदोलन होगा।

जवाहर सिंह कंवर
जिलाध्यक्ष
छत्तीसगढ़ किसान सभा