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एसईसीएल की झूठे आश्वासन से त्रस्त होकर ग्रामीणों ने रोका कोल परिवहन,प्रबंधन ने लिखित में 15 दिनों के भीतर दो पहिया चार पहिया सड़क निर्माण का दिया आश्वासन

दीपका/गेवरा(कोरबा वाणी)-आज सुबह एसईसीएल दीपका के पुनर्वास ग्राम गांधीनगर सिरकी खुर्द के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण बिजली पानी धूल डस्ट प्रदूषण और एसईसीएल के द्वारा निर्माण किए गए भवन, तालाबों की सुधार एवं अन्य मांगों को लेकर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सड़क जाम कर कोल परिवहन को बंद करा दिया ।

गौरतलब है कि सिरकी खुर्द के ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं और हर बार एसईसीएल दीपका प्रबंधन आश्वासन देने के बाद भूल जाती है । ग्रामीणों का कहना है कि अपने गाँव की समस्या को लेकर एसईसीएल के कार्यों को पिछले कई बार बांधित किया गया लेकिन आश्वासन देने के बाद एसईसीएल दीपका प्रबंधन भूल जाते हैं और समस्या से ग्रामीणों को जूझना पड़ता है समस्या जस की तस पड़ी रहती है पिछले आंदोलन के दौरान 24 घंटे कोल परिवहन को बाधित किया गया था जिसमें चार दिवस के भीतर सड़क का निर्माण करा लेने का आश्वासन दिया गया था तथा कुछ कामों को तत्काल प्रारंभ शुरू किए गए थे उसे पूरा करने के बजाय बीच मे कार्य रोक दिया गया है । एसईसीएल दीपका प्रबंधन द्वारा आंदोलन को समाप्त करने के लिए खानापूर्ति का काम किया जा रहा है । आज के बंद के बाद एसईसीएल दीपका प्रबंधन ने एक बार फिर से लिखित में कहा है कि 15 दिनों के भीतर सड़क निर्माण कार्य को शुरू किया जाएगा बाकी शेष मांगों को सात दिवस के भीतर प्रारंभ कर दिया जाएगा । अपने घोषणा के अनुसार दिनभर चले आंदोलन के बाद सड़क जाम हटा लिया गया है और कहा हैं कार्यवाही नही होने पर एक स्पताह के बाद फिर से सड़क परिवहन रोका जाएगा ।

 

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने पुनर्वास ग्रामो के विकास कार्यो की अनदेखी किये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है । उन्होंने कहा है कि उनकी संगठन ने पिछले दिनों पुनर्वास ग्रामो के पुनरुद्धार की मांग करते हुए जिले के चारो कोयला परियोजनाओं के सभी पुनर्वास ग्रामो की समस्याओ का आंकलन कर पानी ,,बिजली , सड़क , नाली, स्कूल ,सामुदायिक भवन खेल मैदान तालाब गहरीकरण आदि की व्यवस्थित सुविधा दिलाने की मांग किया था किंतु सर्वे का कार्य पूरा नही किया गया है । उन्होंने कहा है कि केवल सीएसआर के भरोसे पुनर्वास ग्रामो को छोड़ देना उचित नही है । जिला खनिज न्यास मद से भी इसकी व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना चाहिए । पुनर्वास ग्रामो में संगठन द्वारा सर्वे किया जा रहा है और आंदोलन की रूपरेखा बनाई जा रही है ।