कोरबा न्यूज़

रोजगार, बसावट, जमीन वापसी सहित 16 मांगो पर 30 जून को एसईसीएल गेवरा ऑफिस का होगा महाघेराव,भू विस्थापित किसान करेंगे अनिश्चित कालीन घेरा डालो,डेरा डालो आंदोलन,20 गांव के भू विस्थापित किसान बैठक में हुये शामिल,महिलाओं ने हाथों में हँसिया टंगिया लेकर कहा अधिकार मांगने का नहीं छीनने का समय आ गया है

कोरबा(कोरबा वाणी)-छत्तीसगढ़ किसान सभा, रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल की खदानों से प्रभावित भू विस्थापितों किसानों की लंबित रोजगार प्रकरण, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी, प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में काम देने,महिलाओं को स्वरोजगार, पुनर्वास गांव में में बसे भू विस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने के साथ 16 मांगो को लेकर सीएमडी के नाम ज्ञापन सौंपा कर 30 जून को महाघेराव की घोषणा की है आंदोलन को सफल बनाने के संबंध में गंगानगर में बैठक आयोजित की गई जिसमें प्रभावित 20 गांव के भू विस्थापित किसान शामिल हुये।बैठक में प्रभावितों की समस्याओं और आंदोलन को सफल बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई।


बैठक की अध्यक्षता जवाहर सिंह कंवर,सुराज सिंह कंवर, दीपक साहू,जय कौशिक, देव कुंवर, राजकुमारी बिंझवार,देवेंद्र कंवर, राधेश्याम कश्यप, दामोदर श्याम,रेशम यादव,ने किया बैठक का संचालन सुराज सिंह कंवर ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दीये गए विस्थापित परिवारों की जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है। 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन करने के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था।कोयला खदानों के अस्तित्व में आ जाने के बाद विस्थापित किसानों और उनके परिवारों की सुध लेने की किसी सरकार और खुद एसईसीएल के पास समय ही नहीं है।विकास की जो नींव रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है। खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया।आज भी हजारों भूविस्थापित किसान जमीन के बदले रोजगार और बसावट के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं।
किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार, बसावट, पुनर्वास गांव में पट्टा,किसानों की जमीन वापसी, एवं अन्य समस्याओं को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है।किसान सभा भू विस्थापितों की समस्याओं को लेकर उग्र आंदोलन की तैयारी कर रही है।
रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम, दामोदर, रेशम ने कहा कि भू विस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
बैठक के बाद महिलाओं ने हाथों में खेती किसानी और ग्रामीणों की पारंपरिक औजार हँसिया और टंगिया को हाथों में लेकर एसईसीएल के भू विस्थापित विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि पुनर्वास, रोजगार की समस्याओं को मांगते मांगते थक गए हैं अब अपने अधिकार को छिनने कर लेने का समय आ गया है 30 जून को गेवरा ऑफिस महाघेराव में प्रभावित गांव के हजारों पीड़ित भू विस्थापित शामिल होंगे इस बार समस्याओं के समाधान तक अनिच्छित कालीन घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन होगा।
बैठक में प्रमुख रूप से सत्रुहन,नोहर,सुराज सिंह,अमरजीत, हरीश कंवर, संजय,रघु,पुरषोत्तम, रामायण सिंह, देव कुंवर, जान कुंवर, गणेश कुंवर, यशोदा, शशी, संतोषी,रघु,बलराम, मोहनलाल, सनत,दीना,सुमेन्द्र सिंह,अनिल,गणेश, नरेंद्र, हरिशंकर, मेहत्तर,कृपाल,राजकुमारी बिंझवार, के साथ सैकड़ों भू विस्थापित किसान उपस्थित थे।

मांगे :-
1) पूर्व में अधिग्रहित गांव के पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर सभी भू विस्थापितों को रोजगार प्रदान किया जाये।
2)जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है और कि जा रही है उन सभी छोटे बड़े खातेदारों को रोजगार प्रदान किया जाये।
3) शासकीय भूमि पर कबीजों को भी परिसंपत्तियों का पूर्ण मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिया जाये।
4) कोल इंडिया द्वारा पूर्व में अधिग्रहित किये गये जमीनों को मूल किसानों को वापस किया जाये।
5) आंशिक अधिग्रहण पर रोक लगाते हुए गांव के किसानों की जमीनों का पूर्ण अधिग्रहण किया जाये।
6) एसईसीएल में आऊट सोर्सिंग से होने वाले कार्यों में भू विस्थापितों एवं प्रभावित गांव के बेरोजगारों को 100% रोजगार में रखा जाये।
7) प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में होने वाले कार्यों का प्रशिक्षण देकर रोजगार दिया जाये।
8) प्रभावित एवं पुनर्वास गांव की महिलाओं को स्वरोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाये।
9) पुनर्वास गांव में कबीज भू विस्थापित परिवार को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाये।
10) पुनर्वास गांव गंगानगर में तोड़े गए मकानों, शोचालायो का क्षतिपूर्ति मुआवजा तत्काल दिया जाये।
11) डिप्लेयरिंग प्रभावित गांव में किसानों को हुये नुकसान का क्षतिपूर्ति मुआवजा प्रदान किया जाये।
12) बांकी माईन्स की बंद खदान के पानी को मड़वाढोंढा,बांकी बस्ती,पुरैना और आस पास के खेतों की सिंचाई और तीनों गांव के तालाबों को भरने की व्यवस्था की जाये।
13) पुनर्वास सभी गांव को पूर्ण विकसित मॉडल गांव बनाया जाये और सभी मूलभूत सुविधाएं पानी बिजली निःशुल्क उपलब्ध कराया जाये।
14) भू विस्थापित परिवार के बच्चों को निशुल्क शिक्षा एवं स्कूल बसों में फ्री पास उपलब्ध कराया जाये।
15) भू विस्थापित परिवारों के सभी सदस्यों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किया जाये।
16) भठोरा के चौथे चरण 2016-17 से लंबित मकानों एवं अन्य परिसंपत्तियों का मुआवजा तत्काल दिया जाये।
आंदोलन की बनी रणनीति
आंदोलन को सफल बनाने के लिए 10 हजार पर्चे और पोस्टर तैयार किये गए हैं जो लगभग 50 गांव के घर घर जाकर बाटने और प्रभावित किसानों से आंदोलन को सफल बनाने के लिये तन मन धन से सहयोग की अपील की गई है। 24 जून से गांव गांव में माईक प्रचार करने के साथ नुक्कड़ सभा आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया है।

जवाहर सिंह कंवर
जिलाध्यक्ष
छत्तीसगढ़ किसान सभा