रायपुर

मौसम में हो रहे बदलाव से हो सकता है मौसमी बुखार, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने बच्चों को खिलाएं पोषणयुक्त आहार

रायपुर(कोरबा वाणी)-मौसम में हो रहे बदलाव के चलते सर्दी-बुखार का होना सामान्य बात है। लगातार बारिश और उसके बाद होने वाली तेज धूप के चलते वातावरण वायरस के फैलाव के अनुकूल हो जाता है। ऐसे में हुए बुखार को वायरल बुखार या मौसमी बुखार कहा जाता है। भले ही इस तरह के बुखार चार से छह दिनों में स्वयं ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन इससे होने वाली कमजोरी और अन्य समस्याओं का असर कई दिनों तक बना रहता है। मौसम में बदलाव के आते ही इस तरह के बुखार का होना बहुत सामान्य होता है, किन्तु इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि इस समय सर्दी-खांसी, जुकाम को ब?ाने वाले इस्पेटरी वायरस, एडिनो, सिनसाइटल आदि वायरस ज्यादा सक्रिय हैं। यह वायरस तभी सक्रिय होते हैं, जब आर्द्रता अधिक होती है। पानी गिरने के बाद निकली धूप वायरस को अधिक अनुकूल मौसम प्रदान करती है। ऐसी स्थिति में वातावरण में मौजूद यह वायरस लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं। डॉ. मिश्रा ने बच्चों को इनसे बचाने के लिए उन्हें गंदगी से दूर रखने, बार-बार भीगने से बचाने की सलाह दी है। उन्होंने बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ब?ाने के लिए पोषणयुक्त भोजन खिलाने कहा है।