किसान सभा का 5 अगस्त को एक ही दिन एसईसीएल की तीनों ओपन माइंस में खदान बंदी आंदोलन, कंपनी के दफ्तरों में जड़ेंगे ताला
कोरबा(कोरबा वाणी)-एसईसीएल की गेवरा, कुसमुंडा व दीपका खदानों के विस्तार के बाद से रोजगार, बसाहट के लंबित प्रकरणों में बढ़ोत्तरी होने से भूविस्थापितों का लगातार आंदोलन हो रहा है। किसान सभा व भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के बैनर तले 5 अगस्त को एक ही दिन एसईसीएल की तीनों खदानों में खदान बंदी आंदोलन का ऐलान हुआ है। कंपनी के दफ्तरों में ताला जडक़र विरोध प्रदर्शन की भी चेतावनी दी गई है। इसे लेकर संगठन के पदाधिकारियों ने भूविस्थापितों के साथ जीएम कार्यालयों में पहुंचकर ज्ञापन सौंपा है।
किसान सभा के पदाधिकारियों का कहना है कि शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन के दौरान भूविस्थापितों के लंबित रोजगार, बसाहट व अन्य समस्याओं को दूर करने समय मांगा गया। लेकिन हर बार भूविस्थापितों ने छला महसूस किया। 266 दिनों से धरना देने के दौरान भी एसईसीएल प्रबंधन ने आश्वासन पर आश्वासन दिए। लेकिन अब तक भूविस्थापितों की समस्याओं के निराकरण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई। इस बार 5 अगस्त को एक ही दिन एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट में शामिल गेवरा, दीपका व कुसमुंडा के खदानों में खदान बंदी आंदोलन होगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान दामोदर श्याम, रेशम यादव, बलराम, दीना, सनत, रघु, मोहन कौशिक, टकेश्वर, राजेश, डुमन, विजय, नरेंद्र, घनाराम, हेमलाल, बजरंग सोनी, शेखर, बेदराम, नारायन, मोहन यादव मौजूद रहे।