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अपने साथियों को छुड़ाने भूविस्थापितों का आक्रोश, SECL की आउटसोर्स कंपनी का काम करवाया बंद

कोरबा।(कोरबावाणी) – जिले के कुसमुंडा खदान में एक बार फिर भुविस्थापितो ने अपना आक्रोश दिखाते हुवे SECL की आउट सोर्सिंग कंपनी नीलकंठ का काम बंद करवा दिया.

दरअसल बीते दिन कुसमुंडा खदान में रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन करते हुए भूविस्थापितों ने आउट सोर्सिंग कंपनी नीलकंठ का काम बंद करवा दिया था. इस दौरान पाली ग्राम के चार भूविस्थापितो को कुससुंडा पुलिस द्वारा खदान बंद करने के आरोप में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया गया था, जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त था और इसी कड़ी में आज सोमवार को कुसमुंडा खदान से लगे ग्राम पाली, पडनिया, जटराज और सोनपुरी के ग्रामीणों ने कुसमुंडा खदान में उतर कर नियोजित कंपनी नीलकंठ का काम रुकवा दिया।

इस आंदोलन की सूचना मिलते ही कुसमुंडा पुलिस मौके पर पहुंची. कुछ देर बाद एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर भी SECL अधिकारीयों के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश देने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अपने लोगों को जेल से छूटने के बाद ही मौके से हटने की बात कह रहे थे.

इस बीच दर्री नगर पुलिस अधीक्षक लितेश सिंह मौके पर पंहुची और ग्रामीणों को सड़क से हटकर आंदोलन करने की समझाइश देते कहा की सड़क को छोड़ दीजिए अन्यथा कार्यवाही की जाएगी.

सीएसपी की समझाइश के बाद सभी ग्रामीण सड़क से उठकर एक किनारे खड़े हो गए लेकिन अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. ग्रामीणों के सड़क से हटने के बाद गाड़ियों का परिचालन होने से मिट्टी एवं कोल डिस्पैच का काम शुरू हुआ।

फिलहाल ग्रामीण सड़क के किनारे खड़े हुए हैं उनका कहना है कि जब तक उनके साथी जेल से छूट कर नहीं आते तब तक वह खदान के किनारे पर खड़े रहेंगे।

इस पूरे मामले पर ग्रामीणों का कहना है कि एसईसीएल और उनकी नियोजित कंपनी का यह रवैया बहुत ही अडीयल व दमनकारी है , खदान विस्तार में हमारी जमीन जा रही है हमारे लोगों को रोजगार देने के बजाय उन्हें जेल में डाला जा रहा है.