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मेहर वाटिका कोरबा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा

कोरबा(कोरबा वाणी)- मातनहेलिया परिवार द्वारा मेहर वाटिका कोरबा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के दुसरे दिन कथा वाचक बांकेबिहारी गोस्वामी ने धु्रव चरित्र का प्रसंग विस्तार पूर्वक वर्णन के साथ संगीतमय प्रवचन दिये। आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी ने भागवत के चार अक्षर का अर्थ बताते हुए कहा कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त से त्याग, हमारे जीवन मे जो प्रदान करे उसे हम भागवत कहते है। इस कथा के सुनने मात्र से पाप से मुक्ति मिल जाती है। इस जगत में भगवत कृपा के बिना कुछ भी संभव नही है, प्रत्येक मनुष्य को समाज में अच्छे काम करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि कर्म ही प्रधान है जो मनुष्य अच्छा काम करते है उसका परिणाम अच्छा ही होता है व बुरे कर्म करने वालो के प्रति बुरा ही होता है इसलिए सभी को अच्छे कर्मो के प्रति आकृष्ट होना चाहिए।

आचार्य ने कथा सुनाते हुए कहा कि समाज के समाजिक लोगो का राजा परीक्षित से सीख लेनी चाहिए। परीक्षित का चरित्र पढे़गे या सुनेंगे तो पता चलेगा व्यस्तता के वाबजूद भी कथा सुनने के लिए वक्त निकाला जा सकता है।


अनेक प्रसंगो और उदाहरण के माध्यम से व्यास गदडी पर विराजमान आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी ने भागवत कथा का सुंदर वर्णन किया जिसे सभी श्रद्धालुनो ने मंत्रमुग्ध होकर कथा श्रवण किया।
आज कथा के दुसरे दिन विशेष तौर पर पूर्व मंत्री कृष्ण मूर्ति बांधी, पेण्ड्रा से विजय सोनी, पवन सुल्तानिया, राकेश जालान, महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसंुदर सोनी, अध्यक्ष कोरबा अग्रवाल सभा श्रीकॉत बुधिया, अध्यक्ष जमनीपाली अग्रवाल सभा प्रेम कुमार अग्रवाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष रिना अजय जायसवाल, इंटक अध्यक्ष विकास सिंह, मनीश शर्मा, संतोष राठौर, एस.मुर्ति, दिनेश सोनी, बंटी शर्मा, सुरेश पटेल कथा श्रवण करने पहुचे थे। वही सौरभ, कैलाश, रिशु, रोहित व तरूण अग्रवाल व्यवस्था बनाने में रहे।