कोरबा न्यूज़

खेती के लिए जमीन का भूअर्जन-बन रहा नेशनल हाईवे, किसानो ने रोका हाईवे का काम, कहा-कृषि जमीन पर सड़क बनाना गलत

कोरबा(कोरबा वाणी)-कटघोरा से पतरापाली नेशनल हाईवे फोरलेन सड़क निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण में जमकर मनमानी की गयी है। कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक-12 जुराली में 8 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को कृषि कार्य के लिए अधिग्रहित होना बता दिया गया है जिसमे से होकर नेशनल हाईवे गुजरेगी. खास बात यह है की सड़क निर्माण के लिए दर 6993 रुपये प्रति वर्ग मीटर है तो वहीँ कृषि कार्य के लिए अधिग्रहित जमीन का दर महज 293 रूपए प्रति वर्ग मीटर है. अब नेशनल हाईवे की जगह कृषि कार्य के लिए भूअर्जन दर में जमीन अधिग्रहण को लेकर किसान अपने को ठगा महसूस कर रहे हैँ. किसानों का कहना है की जब तक शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दर नहीं दिया जाएगा तब तक कोई भी किसान मुआवजा राशि नहीं लेंगे और न ही सड़क निर्माण के लिए जमीन देंगे. किसानों ने धरना प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। किसानों के आंदोलन से कापूबहरा बाईपास का काम बंद है।

गौरतलब है की नेशनल हाईवे पतरापाली से कटघोरा के बीच 850 करोड़ में सड़क निर्माण चल रहा है जिसके लिए आसपास के 39 गाँवों की जमीन अधिग्रहित किया गया. 38 गाँवों के किसानों को जमीन के बदले उसकी दोगुना राशि बतौर मुआवजा दी गयी और सड़क निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया गया. लेकिन कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक-12 जुराली के 111 किसानों की वजह से सड़क निर्माण रुक गया है।

दरअसल जुराली के किसानों को शासन द्वारा जो मुआवजा राशि दी जा रही है वह अन्य गाँवों की तुलना में 95% कम है. सड़क निर्माण के लिए अन्य 38 गाँवों के किसानों का प्रति वर्ग मीटर 2880/- रुपये की दर से दोगुने राशि और ब्याज सहित प्रति वर्ग मीटर 6993/- रुपये मुआवजा राशि बनाया गया वहीँ जुराली के किसानों का महज 127/- रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से दोगुने राशि और ब्याज मिलकर 293/- रुपये प्रति वर्ग मीटर मुआवजा बनाया गया. इतने कम दर में मुआवजा बनाने के पीछे का कारण जुराली के किसानों की जमीन को कृषि कार्य के प्रयोजन के लिए भूअर्जन करना बताया गया.

इस बात की खबर किसानों को 30 जनवरी 2017 को राजपत्र में जारी नेशनल हाईवे 130 कटघोरा से पतरापाली फोरलेन सड़क के भूअर्जन दर के प्रकाशन से हुआ. जिसमे नगर पालिका क्षेत्र में शामिल जुराली के किसानों का मुआवजा दर कम दिखाया गया था. नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 8 शास्त्री नगर का 6993/- प्रति वर्ग मीटर निर्धारित मुआवजा दर दिया गया। दूसरी ओर वार्ड क्रमांक 12 सरदार पटेल नगर में शामिल जुराली का मुआवजा दर 293/- रुपए प्रति वर्ग मीटर निर्धारित किया गया. किसानों ने भूअर्जन दर में अंतर को पता किया तब उन्हें पता चला की जुराली के 111 किसानों की जमीन को गाइडलाइन के अनुसार कृषि कार्य के लिए अधिग्रहित करना बता दिया गया है। यही वजह है कि अब जुराली के किसान आंदोलन करने बाध्य हो गए है और जायज मुआवजा राशि की मांग पर अड़ गए हैँ और उचित मुआवजा नहीं मिलने तक जमीन नहीं देने का फैसला किया है. जिसकी वजह से कापूबहरा बाईपास का काम बंद है।

प्रभावित किसानों ने अपनी मांगों की सुनवाई के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के पुनर्वास और उन्नयन के लिए भूमि के अधिग्रहण से उत्पन्न मध्यस्थता के लिए नियुक्त आर्बिट्रेटर बिलासपुर संभागायुक्त डॉ संजय अलग से अर्जी लगाई है. जिसमे किसानों ने उल्लेखित किया है की जब नेशनल हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहित की जा रही थी, उस समय लिखा गया था कि कृषि कार्य के लिए अधिग्रहण किया जा रहा है। अगर कृषि कार्य के लिए किया गया है, तो उसमें कोई दूसरा काम नहीं होना चाहिए। सड़क ही बनाना है तो जमीन अधिग्रहण के गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए, इसी वजह से मुआवजा नहीं लिया जा रहा है।

जुराली के किसानों का कहना है कि कागजों में कृषि प्रयोजन के लिए जमीन अधिग्रहित दिखाकर कम दर पर भूअर्जन किया गया अब उसमें सड़क निर्माण कराया जा रहा है। किसानों की माने तो अगर सड़क बनाना है तो गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा राशि का भुगतान करना होगा।

इस मसले पर कटघोरा एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर का कहना है कि भूअर्जन प्रक्रिया के दौरान कुछ त्रुटि हुई है. किसानों ने कमिश्नर बिलासपुर के यहां मामला लगाया है। वहां से निर्णय आने के बाद ही मुआवजा प्रकरण बनाने की आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उसके बाद निर्माण शुरू होगा।

देखा जाए तो सड़क बनाने वाली नेशनल हाईवे को कृषि कार्य के लिए जमीन की जरूरत क्यों पड़ेगी, क्यों वे लफड़े में फंसने के लिए सड़क बनाने के लिए कृषि कार्य के लिए अधिग्रहित जमीन का उपयोग करेंगे. यह सब भूअर्जन करने वाले अफसरों की लापरवाही से हुआ है जिनकी वजह से सड़क निर्माण का पेंच पूरी तरह फंस गया है. क्यूंकि कृषि कार्य के लिए जमीन लेने के बाद उसका प्रायोजन नहीं बदला जा सकता। इसके लिए फिर से जमीन की रजिस्ट्री करानी पड़ेगी। इसी वजह से दोनों छोर पर सड़क तो बन गया लेकिन इसके आगे नहीं बढ़ा