शाला सुरक्षा व व्यक्तिगत सुरक्षा पर प्रशिक्षण: स्कूलों में संभावित दुर्घटनाओं को रोकने की मिली ट्रेनिंग, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से 163 प्रतिभागी हुए शामिल
रायपुर(कोरबा वाणी)-बीएड कॉलेज रायपुर में एससीईआरटी तथा समग्र शिक्षा की ओर से शाला सुरक्षा व व्यक्तिगत सुरक्षा पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुए। स्कूलों में आपदा प्रबंधन के तहत संभावित दुर्घटनाओं को रोकने बिना समय गवाएं तत्काल प्राथमिक उपचार की व्यवस्था और बचाव के उपाय की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में आपदा प्रबंधन और व्यक्तिगत सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं को मॉकड्रील के माध्यम से बताया गया। प्रशिक्षण में राज्य के सभी जिलो से 163 प्रतिभागी शामिल हुए।
स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव व एससीईआरटी के डायरेक्टर राजेश सिंह राणा ने कहा कि शिक्षक यदि संवेदनशीलता के साथ कार्य करेंगे तभी मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा कार्यक्रम सफल होगा। किसी भी कार्यक्रम की सफलता उस संस्था के प्रमुख की भूमिका पर निर्भर होती है। विद्यालय का रखरखाव प्रबंधन के तौर तरीके वहां के प्रमुख की भूमिका पर निर्भर होते है। राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा कार्यक्रम हमारी संवेदनशीलता से ही सफल हो सकता है मुझे विश्वास है कि यहां से जाने के बाद सभी सहायक बीईओ और शिक्षक इसे परिणाममूलक बनाएंगे। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने कहा कि यह प्रशिक्षण तभी सफल हो जब हम अपने संभावित ऐसी दुर्घटनाएं जिन पर हमारा ध्यान नहीं जाता उन्हें रोकने में कम से कम एक प्रयास घर और स्कूल पहुंचने के तत्काल बाद करेंगे। कार्यक्रम का संचालन एससीआरटी के डॉ. विद्यावती चंद्राकर ने और आभार प्रदर्शन सहायक प्राध्यापक एके सारस्वत ने किया। इस मौके पर प्रशिक्षण प्रभारी सुनील मिश्रा, यूनिसेफ और अर्पण संस्था के विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे।
गैस सिलेंडर फटने, आग लगने पर स्थिति संभालने बताए तरीके
प्रशिक्षण में संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिना समय गवाएं तत्काल प्राथमिक उपचार किए जाने के तरीके बताए गए। गैस सिलेण्डर फटने, आग लगने पर, बाल शोषण, शारीरिक शोषण इत्यादि के संबंध में जानकारी दी। सतत विकास लक्ष्य के बिन्दुओं के बारे में भी बताया गया प्रतिभागियों को योग प्रशिक्षण भी दिया गया। यूनिसेफ की ओर से सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण मॉडयूल पेनड्राइव उपलब्ध कराया गया।