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विधानसभा में हसदेव अरण्य क्षेत्र में आबंटित कोल ब्लॉक रद्द करने का अशासकीय संकल्प सर्वसम्मति से पारित, सीएम बोले- केन्द्रीय कोयला मंत्रालय को रोक लगाने लिखा पत्र

रायपुर(कोरबा वाणी)-विधानसभा में मंगलवार को हसदेव अरण्य क्षेत्र में आबंटित कोल ब्लॉक को रद्द करने का अशासकीय संकल्प मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सहमति के बाद सर्वसम्मति से पारित हुआ। यह संकल्प जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ विधायक धरमजीत सिंह ने प्रस्तुत किया था। मुख्यमंत्री ने बताया कि केन्द्रीय कोयला मंत्रालय को कोयला खनन के आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने पत्र लिखकर आग्रह किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के वनों व वन्य प्राणियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जंगली हाथियों को उपयुक्त प्राकृतिक रहवास उपलब्ध कराने और मानव हाथी संघर्ष कम करने तथा बेहतर वन्य प्राणी प्रबंधन के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1995.48 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को लेमरू हाथी रिजर्व के रूप में साल 2021 में अधिसूचित किया गया है। अधिसूचित क्षेत्र लेमरू हाथी रिजर्व अंतर्गत भारत सरकार, कोयला मंत्रालय द्वारा आबंटित कोल ब्लॉक केटे एक्सटेंशन एवं मदनपुर साऊथ समाहित होने के परिपेक्ष्य में छत्तीसगढ़ शासन, खनिज साधन विभाग द्वारा जनवरी 2021 में भारत सरकार, कोयला मंत्रालय को पत्र लेख कर उक्त कोल ब्लॉक में अग्रिम कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया गया है और उक्त कोयला ब्लॉकों में खनिपट्टा स्वीकृति की कार्यवाही स्थगित है। हसदेव अरण्य कोल फिल्ड्स क्षेत्रान्तर्गत कुल 22 कोल ब्लॉक्स स्थित हैं जिनमें से 15 कोल ब्लॉक्स कोल माईन्स स्पेशल प्रोविजन एक्ट 2015 तथा 07 कोल ब्लॉक्स एमएमडीआर एक्ट, 1957 के तहत आवंटन के लिए चिन्हांकित है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में ऊर्जा उत्पादन का मुख्य स्रोत थर्मल पावर प्लांट है, जिसके लिए कच्चा माल के रूप में मुख्य सामग्री कोयला है। इसके बावजूद भी जनभावनाओं को देखते हुए हसदेव क्षेत्र में कोयला खदानों के आबंटन/संचालन के संबंध में प्रस्तुत अशासकीय संकल्प का सरकार समर्थन करती है। बता दें कि कोरबा जिले में हसदेव नदी पर बने मिनीमाता बांगो बांध का हसदेव अरण्य क्षेत्र वाटर कैचमेंट एरिया है। इससे कृषि क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही कोरबा, जांजगीर के अलावा बिलासपुर एवं रायगढ़ जिले में पानी की आपूर्ति भी होती है।