गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल को हाईकोर्ट से मिला स्थगन, चिकित्सीय सुविधाएं पहले की तरह जारी
कोरबा(कोरबा वाणी)-कोसाबाड़ी में संचालित गीता देवी मेमोरियल अस्पताल को आज पहाड़ी कोरवा आदिवासी महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु और उसके बाद मचे बवाल के बाद जारी प्रशासनिक आदेश के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर से स्थगन आदेश मिल गया है. जिसके बाद गीता देवी मेमोरियल अस्पताल में चिकित्सकीय सुविधाएं पूर्ववत प्रारंभ हो जाएंगी.
विदित हो कि, 12 फरवरी को एक पहाड़ी कोरवा आदिवासी महिला की मृत्यु चिकित्सा के दरमियान हो गई थी. जिसके बाद मचे बवाल के बाद जिला जिला चिकित्सा अधिकारी ने कलेक्टर कोरबा द्वारा अनुमोदित आदेश के तहत जांच प्रक्रिया पूर्ण होने तक गीता देवी मेमोरियल अस्पताल को सील कर दिया था. कलेक्टर कोरबा ने पहाड़ी कोरवा आदिवासी महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु एवं लापरवाही जैसे आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था जिसे 3 दिनों में जांच की प्रक्रिया पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करना था लेकिन भगवान भरोसे चल रही सरकारी प्रक्रिया “नो दिन चले अढ़ाई कोस” वाली कहावत चरितार्थ करते घटना के 2 हफ्ते बाद भी पूर्ण नहीं हो पाई है.
जिसके बाद गीता देवी मेमोरियल अस्पताल प्रबंधन ने प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखी, उन्होंने जांच प्रक्रिया में पूर्णत: सहयोग करने की बात भी कही लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से बंद पड़े गीता देवी मेमोरियल अस्पताल को खोलने के लिए कोई राहत मिलती नजर नहीं आई.
जिसके बाद गीता देवी मेमोरियल अस्पताल प्रबंधन ने हाई कोर्ट अधिवक्ता के माध्यम से हॉस्पिटल सील किए जाने के प्रशासनिक आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां उन्हें प्रशासनिक आदेश के विरुद्ध स्थगन प्राप्त हो गया है और अब पूर्ववत् चिकित्सकीय सेवाएं प्रारंभ हो जाएंगी.
अस्पताल की मैनेजिंग डायरेक्टर संध्या कश्यप ने बताया कि पहाड़ी कोरवा आदिवासी महिला की मृत्यु के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं की गई थी, नाही वह रिफरल केस था महिला अपने परिजनों के साथ स्वयमेव अस्पताल पहुंचकर एडमिट हुई थी. उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी चिकित्सक मरीज की बेहतरी के लिए बेहतर प्रयास करता है बावजूद इसके सब कुछ उनके हाथ में नहीं रहता. उन्होंने यह भी बताया कि गीता देवी मेमोरियल अस्पताल को चिकित्सक की लाइसेंस प्राप्त है जिसका टाइम टू टाइम रिन्यूअल करवाना होता है और वह प्रक्रियाधीन है.
बाहर हाल हाईकोर्ट के आदेश के बाद गीता देवी मेमोरियल अस्पताल पुनः प्रारंभ होने जा रहा है हाईकोर्ट के आदेश की तामिली हेतु अधिवक्ता कमलेश साहू के माध्यम से प्रशासन को सूचना प्रेषित कर दी गई है.