गणेश जी की आरती में पंडित ने किया आंशिक बदलाव, लड़कियों की मांग पर बांझन को पुत्र देत की जगह बांझन की “गोद भरे” उच्चारण करने की अपील
दंतेवाड़ा(कोरबा वाणी)-क्या भगवान गणेश जी अपने आशीर्वाद से बांझ औरत को केवल पुत्र दे सकते हैँ पुत्री नहीं? यह सवाल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के बचेली की कुछ लड़कियों ने उस समय उठाया जब पंडित जी संध्या आरती के समय गणेश जी की आरती का गान कर रहे थे. लड़कियों ने इस शब्द को बदलने की भी मांग की. लड़कियों की भावनाओं का मान रखते हुवे उनकी मांग पर पंडित जी ने गणेश जी की आरती के शब्दों में परिवर्तन किया है। दरअसल भगवान गणेश जी की आरती में एक जगह ‘बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया’ का उच्चारण किया जाता है। जिसमें पंड़ित जी ने ‘बांझन को पुत्र देत’ शब्द को लड़कियों की मांग पर परिवर्तन किया है। अब इसके जगह पंडित जी ने “गोद भरे” शब्द का प्रयोग किया है। इसके साथ पंडित जी ने लोगों से इसी शब्द को उच्चारण करने की अपील भी की है।